रियायत समझौते के तहत लगा भारी जुर्माना
इस जुर्माने की वजह रियायत समझौता (Concession Agreement) है, जिसके तहत निर्माण कार्य में देरी होने पर ठेकेदार पर दंड का प्रावधान है। पहले से तय डेडलाइन को पूरा न कर पाने की वजह से अब कंपनी पर रोजाना जुर्माना लगाया जा रहा है।
6 महीने की देरी, दो डेडलाइन हो चुकी हैं फेल
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन तय समय से करीब छह महीने देरी से चल रहा है। पहले दो संभावित डेडलाइन निकल चुकी हैं, जिसके बाद अब सरकार ने जुर्माना लागू किया है। अधिकारियों के अनुसार, मई के अंतिम सप्ताह तक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से एयरोड्रम लाइसेंस मिलने की संभावना है। इसके बाद रनवे पर विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ शुरू हो सकता है। कोविड-19 के कारण हुई देरी
पहले हवाई अड्डे का संचालन सितंबर 2024 से शुरू होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण निर्माण कार्य में कई रुकावटें आईं। इसके चलते कंपनी को तीन महीने की छूट दी गई, जिससे इसे जनवरी 2025 तक चालू करना था। लेकिन एयरपोर्ट संचालन शुरू नहीं हो सका, और अप्रैल की संशोधित डेडलाइन भी फेल हो गई।
जुर्माना तब तक जारी रहेगा जब तक एयरपोर्ट चालू नहीं होता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस साल 1 जनवरी से रियायत समझौते के तहत जुर्माना लागू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, जब तक एयरपोर्ट पूरी तरह चालू नहीं हो जाता, तब तक कंपनी को यह भारी जुर्माना चुकाना पड़ेगा।