गौरतलब है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों की लापरवाही व अनदेखी के कारण मेला मैदान की जमीन पर जगह-जगह अतिक्रमण हो गए। कुछ लोगों ने मैदान की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है तो एक ने पूर्व के एक आरएएस अधिकारी से मिलीभगत कर मेला मैदान की जमीन की अपने नाम खातेदारी तक दर्ज करवा ली। इसी प्रकार कुरजां होटल के सामने मेला मैदान की जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई होटल को गत वर्ष पशु मेला लगने से पूर्व प्रशासन ने तोडकऱ अतिक्रमण मुक्त किया था। लेकिन अब भी जोधपुर-बीकानेर बायपास रोड के दोनों तरफ मेला मैदान की जमीन पर कुछ लोगों की नजरें हैं और सीमा ज्ञान में हो रही देरी से उन्हें संरक्षण मिल रहा है।
27 महीने बाद भी नहीं दी सीमाज्ञान रिपोर्ट, चारदीवारी का काम अटका मेला मैदान की जमीन की सुरक्षा को लेकर पशुपालन विभाग की ओर से 18 अक्टूबर 2022 को 205 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की थी, जिस पर पशुपालन विभाग ने उसी दिन जिला कलक्टर को पत्र लिखकर मेला मैदान की जमीन का सीमा ज्ञान करवाने का आग्रह किया। इसके बाद विभाग ने 16 मई 2023 को, 5 जनवरी 2024 को भी पत्र लिखे। साथ ही नागौर उपखंड अधिकारी व तहसीलदार को 3 नवम्बर 2022, 24 नवम्बर 2022, 19 जनवरी 2023, 20 फरवरी 2023 तथा 24 अप्रेल 2023 को पत्र लिखकर सीमांकन करवाने के लिए कहा, लेकिन अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद 27 जून 2023 व 22 जनवरी 2024 को जिला कलक्टर ने नागौर तहसीलदार को पत्र लिखकर आदेश दिए कि सात दिन में सीमा ज्ञान रिपोर्ट प्रस्तुत करें, लेकिन सीमा ज्ञान की रिपोर्ट आज भी नहीं मिली है।
शासन सचिव शर्मा ने कलक्टर को लिखा था पत्र पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. महेश कुमार मीणा ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर बताया कि मेला मैदान के पश्चिमी भाग में निजी स्कूल के पास पत्थर व दीवारें बनाकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इसको लेकर राजस्व विभाग की ओर से बताई गई सीमा के हिस्से में पशुपालन विभाग का बोर्ड लगाया तो वहां के स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई। इसलिए राजस्व विभाग की टीम से पशुपालन विभाग के खसरा संख्या 36, 40, 54, 58, 62, 62 मौजा गुर्जरखेड़ा ताऊसर तथा पटवार हल्का नागौर व मानासर में स्थित भूमि का सीमाज्ञान करवाकर किए गए अतिक्रमण को हटवाया जाए तथा पत्थरगढ़ी भी करवाई जाए, लेकिन दुर्भाग्य ये अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी प्रकरण को लेकर 27 नवम्बर 2024 को पशुपालन, मत्स्य एवं गोपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने नागौर जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित को पत्र लिखकर अतिक्रमण हटवाने व पत्थरगढ़ी करवाने के लिए कहा था। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सीमाज्ञान की लिखित रिपोर्ट नहीं मिली पशु मेला मैदान की जमीन का सीमांकन करवाने के लिए हमने जिला कलक्टर एवं उपखंड अधिकारी व तहसीलदार को बार-बार पत्र लिखकर निवेदन किया, जिस पर जिला कलक्टर ने भी नागौर तहसीलदार को दो बार पत्र लिखकर 7 दिन में सीमा ज्ञान करवाकर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद राजस्व विभाग की टीम ने गत वर्ष पशु मेले से पहले भौतिक रूप से सीमा ज्ञान तो कर दिया, लेकिन उसकी लिखित रिपोर्ट आज तक नहीं दी है। इसके चलते चार दीवारी का काम रुका हुआ है।
– डॉ. महेश कुमार मीणा, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, नागौर