तथ्य छिपाकर लड़ा था चुनाव
रामचंद्र निनामा ने बताया कि पंचायतीराज अधिनियम के तहत दो से अधिक संतानें जीवित रहते व्यक्ति चुनाव लड़ने के अयोग्य माना गया है। कालूराम ने अपने नाम निर्देशन पत्र में दो संतानों मणिलाल और बबली का ही उल्लेख किया। उसने 2007 में जन्मी तीसरी संतान सुनीता का तथ्य छिपाकर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसे बीएनएस की धारा 318 का अपराध बताते हुए निनामा ने केस दर्ज करने का की मांग की।नवंबर में कोर्ट ने शून्य घोषित किया था
निनामा के अनुसार उन्होंने कालूराम के गलत निर्वाचन के खिलाफ 2020 में ही वरिष्ठ सिविल न्यायालय बांसवाड़ा में याचिका दायर की थी। 29 नवंबर,2024 में न्यायाधीश पूरणसिंह ने निर्णय कर 22 जनवरी,2020 को हुए दनाक्षरी में सरपंच के चुनाव में कालूराम का निर्वाचन शून्य घोषित किया। इसकी प्रति जिला निर्वाचन अधिकारी 9 दिसंबर, 2024 को दी गई। इसके बाद भी कालूराम अब कार्यकाल पूरा होने पर बतौर प्रशासक कार्यरत है।राजस्थान में ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव हो सकते हैं निरस्त, कलक्टरों को जारी किए गए निर्देश, जानें क्यों
मैं सरपंच था और अब प्रशासक हूं
कोर्ट के निर्णय की जानकारी नहीं है। मैं सरपंच था और अब प्रशासक हूं।कालूराम, प्रशासक, दनाक्षरी ग्राम पंचायत
एएसपी को दिया होगा परिवाद
एएसपी को परिवाद दिया होगा। मंगलवार को दिखवाएंगे।हर्षवर्धन अग्रवाला, पुलिस अधीक्षक
कार्रवाई के लिए लिखा है
निर्णय सामने आते ही कार्रवाई के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखा गया है।गोपाललाल सोनी, सीईओ, जिला परिषद
कार्रवाई करेंगे…
पंचायतीराज विभाग की ओर से इस बारे में पत्र भेजा है तो उसे मंगलवार को दिखवाकर कार्रवाई करेंगे।डॉ. इंद्रजीत यादव, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलक्टर