मुआवजा ना मिलने की वजह?
स्थानीय निवासी मानते हैं कि विधायक सुरेंद्रसिंह राठौड ने पहले ही जिला प्रशासन और अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी थी और कलक्टर ने दीपावली से पहले मुआवजा दिलवाने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन आज तक मुआवजा नहीं मिलने से उनका विश्वास टूट चुका है। उनका कहना है कि जब उन्हें मुआवजा ही नहीं मिलेगा, तो वे अपने मकान कैसे छोड़ सकते हैं? कुछ खाता धारक तो ये भी कहते हैं कि अगर आज उनका मकान गिरा दिया जाए, तो वे दूसरा मकान बनाने की स्थिति में नहीं हैं। इसके अलावा, कुछ खाता धारकों का नाम पहले प्रकाशित हुई 3डी में नहीं था, और फिर से प्रोसेस करने के कारण मुआवजा मिलने में देरी हो रही है।
इन जगहों पर आ रही है दिक्कतें
जानकारी के अनुसार, केलवाड़ा, मजेरा, लाखमावतों का गुड़ा, हमेरपाल, ओलादर और गंगलाया जैसे कई स्थानों पर मकान, दुकान और प्लॉट मुख्य रूप से रास्ते की रुकावट बने हुए हैं। इन स्थानों पर हाइवे निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। मेजेरा के 6 खसरा नंबर केलवाड़ा के 4 खसरा नंबर हमेरपाल के 2 खसरा नंबर लाखमावतों का गुड़ा में 3 खसरा नंबर गंगलाया और ओलादर में भी कई स्थान इन सभी स्थानों के खाता धारक मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं और जब तक मुआवजा नहीं मिलता, तब तक वे अपनी संपत्ति छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
प्रशासन का नया प्रयास: 19 दिसंबर को कैंप
स्थानीय प्रशासन ने अब 19 दिसंबर को कैंप लगाने का निर्णय लिया है, जिसमें बाकी सभी बचे हुए खाता धारकों का मुआवजा निस्तारण करने का प्रयास किया जाएगा। तहसीलदार पर्वतसिंह राठौड़ ने कहा कि “सभी प्रभावित खाता धारकों को शीघ्र मुआवजा दिलवाने का प्रयास किया जा रहा है”, ताकि हाइवे निर्माण का काम बिना किसी और अड़चन के जल्द पूरा किया जा सके।