डुबकी किंग” और “रिकॉर्ड-ब्रेकर” जैसे इस महान खिलाड़ी को प्रो कबड्डी ने कई नाम दिए। प्रो कबड्डी लीग के इतिहास में सबसे बड़े सुपरस्टार कहें या कबड्डी के सचिन, परदीप ने अपने रिकॉर्ड और प्रदर्शन से कुछ ऐसा ही किया है, जिसने मिसाल बना दी है। हरियाणा के सोनीपत जिले से आने वाले इस खिलाड़ी ने रेडिंग शैली और “डुबकी” तकनीक से कबड्डी को नया आयाम दिया। तीन बार प्रो कबड्डी का टाइटल जीता और 1800 से अधिक रेड पॉइंट्स हासिल किए। हालांकि सीजन 12 (2025) के ऑक्शन में उन्हें किसी भी टीम ने नहीं खरीदा। जिसके बाद परदीप नरवाल ने एक पोडकास्ट में संन्यास का ऐलान कर दिया।
परदीप नरवाल का करियर
परदीप नरवाल का जन्म 16 फरवरी 1997 को हुआ था। 6 साल की उम्र से कबड्डी खेलने वाले इस खिलाड़ी ने 12 साल की उम्र में हरियाणा कबड्डी अकादमी में ट्रेनिंग लिया। उनके चाचा रविंदर नरवाल और कोच नरेश नरवाल ने उनकी प्रतिभा को और निखारने का काम किया। प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत परदीप ने बेंगलुरु बुल्स के साथ की। पहले 6 मैचों में उन्होंने सिर्फ 9 रेड पॉइंट्स हासिल किए। बेंगलुरु बुल्स के कोच रणधीर सिंह सहरावत ने परदीप की प्रतिभा को पहचाना। वह अगले सीजन पटना चले गए और पटना जाते ही परदीप पॉवरफुल नरवाल बन गए। उन्होंने न सिर्फ टीम को 3 खिताब जिताए, बल्कि ऐसे ऐसे कारनामे किए, जो शायद ही कबड्डी के मैट पर देखने को मिलते हैं। परदीप नरवाल ने 2024 तक कुल 190 मैच खेले और 1810 रेड पॉइंट्स हासिल किए। पिछले 3-4 सीजन खराब रहने के बावजूद उनका औसत रेड पॉइंट्स प्रति मैच 9.47 रहा। परदीप का रेड सक्सेस रेट 57.44% है। उन्होंने 88 सुपर 10 हासिल किए हैं तो 82 सुपर रेड किए हैं। इस दौरान 9 टैकल प्वाइंट्स भी शामलि हैं। परदीप ने 1810 रेड पॉइंट्स के साथ पीकेएल इतिहास में सबसे ज्यादा रेड पॉइंट्स बनाए हैं। वह 1000, 1500, 1600, 1700, और 1800 रेड पॉइंट्स तक पहुंचने वाले पहले और एकमात्र खिलाड़ी हैं। एक सीजन में सबसे ज्यादा रेड पॉइंट्स: सीजन 5 में 369 रेड पॉइंट्स, जो अब तक का रिकॉर्ड है। एक रेड में सबसे ज्यादा पॉइंट्स का भी रिकॉर्ड उनके पास है, जब सीजन 5 में हरियाणा स्टीलर्स के खिलाफ 8 पॉइंट्स की रेड की और पूरी टीम को आउट कर दिया।
परदीप ने बताया आगे का प्लान
परदीप नरवाल ने बताया कि अब कोचिंग में अपना करियर बनाना चाहते हैं। वह युवा खिलाड़ियों को कबड्डी के गुर सिखाना चाहते हैं। नरवाल एकेडमी में वह पहले से ही बच्चों को कबड्डी के गुर सिखा रहे हैं। उनका मानना है कि वह अपने अनुभव से युवा खिलाड़ियों को बेहतर बना सकते हैं। परदीप आने वाले समय में प्रो कबड्डी लीग में भी एक कोच के तौर पर देखे जा सकते हैं।