इलाज मिलता तो बच सकती थी जान
भारुंदा निवासी शांतिलाल (75) पुत्र रतनाराम ब्राह्मण किसी काम से निकले थे। इसी दौरान सड़क पर विचरण कर रहे सांड ने उस पर हमला कर दिया। लंबे सींग के प्रहार से बुजुर्ग लहूलुहान होकर नीचे गिर गए। जानकारी मिलते ही मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। बुजुर्ग दर्द से तड़पते रहे, लेकिन लोग तमाशबीन होकर देखते रहे। किसी ने उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश नहीं की। इलाज के अभाव में आखिरकार तीन घंटे तक जीवन और मौत के संघर्ष में बुजुर्ग ने प्राण त्याग दिए।इन्होंने कहा
सुमेरपुर-तखतगढ समेत ग्रामीण इलाकों में बेसहारा सांड लगातार परेशानी पैदा कर रहे हैं। भारुंदा की घटना दुखद है। ग्राम विकास अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र और नगरपालिका ईओ को शहरी क्षेत्र में उग्र स्वभाव वाले सांड को पकड़कर गोशाला और नंदी शाला भिजवाने के निर्देश दिए हैं। विभिन्न चरणों में अभियान चलाया जाएगा। भारुन्दा में उग्र स्वभाव वाले सांड को काबू में करने के लिए नगरपालिका से टीम भेजी है।कालूराम कुम्हार उपखंड अधिकारी सुमेरपुर