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पटना

Bihar Politics: पप्पू यादव कांग्रेस में अपमान का घूंट पीकर भी क्यों चुप हैं?, जानें उनकी क्या है मजबूरियां

Bihar Politics बिहार बंद के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की गाड़ी में पप्पू यादव को नहीं चढ़ने दिया गया। जिस प्रकार से राहुल गांधी के गार्ड ने पप्पू यादव को राहुल की गाड़ी में चढ़ने से रोका उसके बाद एक बात की चर्चा तेज हो गई है कि कांग्रेस में बार बार अपमानित होने के बाद भी पप्पू यादव क्यों चुप हैं। पप्पू यादव के लिए कांग्रेस क्यों मजबरी बन गई है।

पटनाJul 10, 2025 / 12:15 am

Rajesh Kumar ojha

Pappu Yadav

पप्पू यादव फोटो- पत्रिका

Bihar Politics मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर बिहार में सियासी हलचल तेज है। इसी क्रम में बुधवार को चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ पूरा विपक्ष आज पटना निर्वाचन आयोग के कार्यालय तक मार्च किया। इस मार्च का नेतृत्व राहुल गांधी ने किया। इस दौरान राहुल के साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) महासचिव डी राजा और अन्य विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

राहुल गांधी की गाड़ी में चढ़ने से रोका

राहुल गांधी समेत महागठबंधन के नेता जिस गाड़ी से मार्च का नेतृत्व कर रहे थे उसमें मुकेश सहनी तक मौजूद थे। लेकिन, उस गाड़ी में पूर्णियां सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) को चढ़ने तक नहीं दिया गया। गाड़ी पर तो कन्हैया कुमार को भी नहीं चढ़ने दिया गया।

वीडियो हुआ वायरल

इस घटना का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि पप्पू यादव के कई समर्थक पप्पू यादव को गाड़ी में चढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन राहुल गांधी की गाड़ी में खड़े सुरक्षा गार्ड उनको गाड़ी पर वाहन पर चढ़ने से रोक रहे हैं। हालांकि एक गार्ड पप्पू यादव को चढ़ाने की कोशश करते दिखता है। लेकिन, दूसरे गार्ड ने उनको वाहन पर नहीं चढ़ने दिया। इस क्रम में वे गिरने से भी बाल-बाल बचे।

पप्पू की ऐसी क्या मजबूरियां हैं

पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव लोकसभा चुनाव से पहले ही अपनी 10 साल पुरानी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया है। पप्पू यादव तक यहां तक कहते हैं कि मेरी शवयात्रा कांग्रेस के ही झंडे में ही निकलेगी। ऐसे में राहुल गांधी जब बिहार बंद के दौरान पटना आए तो पप्पू यादव क्यों पटना एयरपोर्ट पहुंचे? वे पटना एयरपोर्ट से तीन किलोमीटर दूर हाथ में कांग्रेस का झंडा लेकर क्यों सचिवालय हॉल्ट पर ट्रेन रोकते नजर आए? साफ है कि कांग्रेस उनके लिए मजबूरी है, कांग्रेस के लिए पप्पू कोई जरूरी नहीं हैं।

अपमान का घूंट पीकर भी पप्पू क्यों चुप हैं?

पप्पू यादव बार-बार अपने को कांग्रेस का नेता बताते हैं। लेकिन कांग्रेसी पप्पू यादव को कभी भी कांग्रेसी नहीं मानते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले पप्पू यादव कांग्रेस के एक सीनियर नेता और राज्यसभा सदस्य से मिलने गए थे। पप्पू यादव ने उसने कांग्रेस से टिकट देने का जब आग्रह किया तो कांग्रेस के सीनियर नेता ने हंसते हुए तपाक से कहा था कि यादवों की पार्टी तो आरजेडी है, फिर कांग्रेस से क्यों टिकट मांग रहे हैं? इससे साफ कांग्रेसी पप्पू यादव को अभी तक अपने परिवार का सदस्य नहीं मान रहे हैं। तो फिर पप्पू यादव की ऐसी क्या मजबूरी है कि पप्पू यादव अपमान का घूंट पीकर भी कांग्रेस के साथ ही खड़ा रहना चाहते हैं।

क्या पप्पू के समाने कोई विकल्प नहीं?

पप्पू यादव के सामने वर्तमान समय में कोई विकल्प नहीं है। पप्पू यादव बीजेपी में जा नहीं सकते। आरजेडी से उनके रिश्ते ठीक नहीं है। पप्पू यादव के लालू यादव के साथ ही रिश्ते अच्छे नहीं हैं। पप्पू यादव से आरजेडी तेजस्वी को खतरा मानती है। प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज से उनकी बन नहीं रही है। क्योंकि जन सुराज पार्टी ने पूर्णिया से बीजेपी के पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को अपनी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया है। यही कारण है कि पप्पू यादव के लिए कांग्रेस पप्पू यादव के लिए मजबूरी है।

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