5 मिनट में पूरी होगी राघोपुर से पटना की दूरी
मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन पुल के पहला फेज का लोकार्पण से राघोपुर दियारा के निवासियों के लिए ऐतिहासिक होगा। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सोमवार को इस परियोजना के पहले चरण– एनएच-31 पर कच्ची दरगाह से राघोपुर तक के हिस्से का उद्घाटन करेंगे। यह हिस्सा पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया है। जबकि राघोपुर से बिदुपुर तक का शेष कार्य अंतिम चरण में है। अगले 3 माह में जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके उद्घाटन से कच्ची दरगाह से राघोपुर तक यातायात की शुरुआत हो जाएगी। इसके अलावा राघोपुर की मुख्य सड़क ( पंसरिया चौक) को कनेक्टिविटी देने के लिए 17 करोड़ की राशि से संपर्क पथ का निर्माण भी जल्द ही किया जाएगा। इसके लिए राशि की प्रशाशनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
अब नाव और पीपा पुल पुरानी बात
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि यह पहला स्थायी पुल होगा जो राघोपुर को राजधानी पटना से जोड़ेगा। स्थानीय लोगों को मानसून से पहले बनाए जाने वाले पीपा पुल या नावों पर अब निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। हर साल बारिश में जब पीपा पुल हटा दिया जाता था, तब यह इलाका शेष राज्य से पूरी तरह कट जाता था। लेकिन अब इस पुल के शुरू होने से सालभर निर्बाध आवागमन संभव हो पाएगा, जिससे राघोपुर दियारा के सामाजिक और आर्थिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत होगी।
एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज की विशेषता
मंत्री ने कहा कि 19 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में 9.76 किलोमीटर का हिस्सा गंगा नदी पर बना एक्स्ट्रा डोज़्ड केबल स्टे ब्रिज है। इसकी चौड़ाई 32 मीटर है और इसे 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के अनुरूप डिजाइन किया गया है। पुल निर्माण में एशियन डेवलपमेंट बैंक से 3,000 करोड़ रुपये के ऋण तथा राज्य सरकार द्वारा लगभग 2000 करोड़ का व्यय किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज की विशेषता यह है कि इसमें केबल्स को सीधे टावर से नहीं बल्कि डेक के नीचे एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक विशेष ढंग से जोड़ा गया है, जिससे इसकी संरचना न केवल अत्याधुनिक बनी है, बल्कि मजबूती भी कई गुना अधिक है। यह निर्माण तकनीक भारत में गिने-चुने पुलों में इस्तेमाल हुई है।
गांधी सेतु पर यातायात का दबाव कम होगा
इस पुल के चालू होने से न सिर्फ महात्मा गांधी सेतु पर यातायात का दबाव कम होगा,बल्कि बिदुपुर, राघोपुर और पटना के बीच सुव्यवस्थित और तेज़ सड़क कनेक्टिविटी स्थापित हो जाएगी। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना को सिर्फ साढ़े तीन घंटे में जोड़ने का है, जिसमें यह पुल एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।
जीवन स्तर में सुधार
मंत्री ने बताया कि इस ऐतिहासिक पुल के उद्घाटन से न केवल स्थानीय जनता को राहत मिलेगी, बल्कि व्यापार, परिवहन और निवेश के नए द्वार खुलेंगे। यह पुल दियारा क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगा और वहां के लोगों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार लाएगा। साथ ही, यह पुल बिहार के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।