अरनोद के निकट कनाड़ में नर धामण सांप (फोटो: पत्रिका)
Rajasthan News: अमुमन कई जीव-जंतुओं में अपने क्षेत्र के लिए जंग होती है। इसी प्रकार की जंग धामण प्रजाति के नर सांपों में होती है। जो मानसून से पहले इन दिनों देखी जा सकती है। यह समय इस सांप के प्रजाति के लिए प्रजनन से ठीक पहले का है। इस समय होने वाली जंग कई घंटों तक चलती है। धामण प्रजाति का सांप जिसे रेट स्नैक के नाम से जाना जाता है। इसके नर सांपों में होने वाली जंग को कई लोग यह भ्रम होता है यह नर-मादा है, जो मेटिंग करते है। जबकि सच यह है कि दोनों सांप नर होते है जो अपने क्षेत्राधिकार और उस एरिए में मादा पर अपना कब्जा और उस इलाके में अपना हक जताने के लिए करते है।
धामण प्रजाति का सांप विषहिन और शर्मिला होता है। इसको चूहे अधिक पसंद होते है। इसी कारण इसे रेट स्नैक कहा जाता है। चुंकि यह जहरीला नहीं होता है और चूहे का सफाया करता है। ऐसे में यह किसानों का मित्र कहलाता है। वाइल्ड लाइफ एंड एनिमल रेस्क्यू सोयायटी के संस्थापक रेस्क्यूअर लवकुमार जैन का कहना है कि धामण सांप किसानों का मित्र है और यह जहरीला नहीं होता है। ऐसे में इसका संरक्षण करना चाहिए। वहीं खेतों में यह चूहे का सफाया करता है। इस कारण फसलों की सुरक्षा के लिए सहायक है।
धामण सांप राजस्थान के सबसे शक्तिशाली सांप है। यह अपने वजन चार-पांच किलो का होता है। इसकी मांशपेशियां शक्तिशाली होती है। इसकी शक्ति वजन से सात-आठ गुना तक पकड़ होती है। इसका रंग भूरा, हल्का मटमैला, खाकी कलर का होता है।
संरक्षित सूची में रेट स्नैक
यह सांप वन्यजीव अधिनियम 1972 की अनुसूचि दो/दो के तहत संरक्षित है। इसके शिकार पर सात वर्ष की सजा का प्रावधान भी है।
इन दिनों नर धामण सांप में वर्चस्व की जंग देखी जा सकती है। जो कई घंटों तक चलती है। इसमें हारने वाले सांप को वह इलाका छा़ेडना पड़ता है। इसके बाद जीतने वाले सांप का संबंधित इलाके पर और वहां पाई जाने वाली मादा धामण पर हक हो जाता है।