खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करने के लिए बैठक को 19 मार्च को निर्धारित किया गया था, लेकिन वह बैठक आयोजित नहीं की गई। इसके बाद, 9 अप्रैल को बैठक का नया तारीख तय किया गया और पुनः नोटिस भेजे गए।
कोर्ट ने आदेश दिया कि डीएम को 10 हजार रुपये का हर्जाना 15 दिन के भीतर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करना होगा। इसके अलावा, राज्य सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि अगर नोटिस भेजने में देरी के लिए कोई जिम्मेदार पाया जाता है, तो उसकी वेतन से यह राशि वसूल की जा सकती है। इस मामले में 8 अप्रैल को फिर से सुनवाई होगी, जब यह देखा जाएगा कि आदेश का पालन हुआ है या नहीं।