scriptMaha Kumbh 2025: भगवान राम का प्रयागराज से है बेहद गहरा नाता, जानिए श्रृंगवेरपुर धाम की पूरी कहानी | Maha Kumbh 2025 Lord Rama has a very deep connection with Prayagraj know full story of Shringaverpur Dham | Patrika News
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Maha Kumbh 2025: भगवान राम का प्रयागराज से है बेहद गहरा नाता, जानिए श्रृंगवेरपुर धाम की पूरी कहानी

Maha Kumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज सनातन संस्कृति की प्राचीनतम नगरों में से एक भारतीय पौराणिक और ऐतिहासिक कथाओं में खास स्थान रखती है। ऋग्वेद, पुराण, रामायण और महाभारत जैसे कई ग्रंथों में प्रयागराज की महत्ता और प्राचीनता की जानकारी मिलती है। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि प्रभु श्रीराम के जीवन और वनवास की घटनाओं से भी जुड़ा है।

प्रयागराजDec 22, 2024 / 07:10 pm

Prateek Pandey

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Maha Kumbh 2025: रामायण के अनुसार अयोध्या से वनवास के लिए निकलने के बाद प्रभु श्रीराम ने प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम में रात्रि विश्राम किया था। इस धाम का नामकरण श्रृंगी ऋषि की तपोस्थली होने के कारण हुआ। श्रीराम ने यहां अपने बाल सखा निषादराज से मुलाकात की थी। निषादराज ने उन्हें गंगा नदी पार करने में भी मदद की थी। यह स्थल न केवल श्रीराम के वनवास यात्रा का एक खास पड़ाव था बल्कि उनके बाल मित्र निषादराज के साथ अटूट मित्रता का प्रतीक भी है।

श्रृंगी ऋषि और श्रृंगवेरपुर का ऐतिहासिक महत्व  

पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रृंगवेरपुर का धार्मिक महत्व प्रभु श्रीराम के जन्म से पहले ही स्थापित हो गया था। रामायण में वर्णित है कि राजा दशरथ ने पुत्रकामेष्टि यज्ञ के लिए श्रृंगी ऋषि को अयोध्या बुलाया था। उनके आशीर्वाद और यज्ञ के फलस्वरूप राजा दशरथ को चार पुत्र- राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की प्राप्ति हुई। श्रृंगवेरपुर में आज भी श्रृंगी ऋषि और माता शांता के मंदिर स्थित हैं जहां श्रद्धालु संतान प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।
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गंगा तट पर श्रीराम और निषादराज की मित्रता

पौराणिक कथा के अनुसार माता कैकेयी की इच्छा और राजा दशरथ की आज्ञा का पालन करते हुए जब श्रीराम वनवास गए, तो श्रृंगवेरपुर में निषादराज ने उनका स्वागत किया। यहां श्रीराम, सीता और लक्ष्मण ने रात्रि निवास किया। गंगा पार करने से पहले निषादराज ने राम के चरण पखारे और उस जल को ग्रहण कर किया। आज यह स्थान ‘रामचौरा’ के नाम से जाना जाता है। यहां पर स्थित ‘राम शयन आश्रम’ की मान्यता है कि राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ यहीं पर विश्राम किया था।

श्रृंगवेरपुर धाम का सौंदर्यीकरण और विकास

धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण श्रृंगवेरपुर धाम का सौंदर्यीकरण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में किया गया है। महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए यहां भव्य कॉरिडोर, निषादराज पार्क और अन्य संरचनाओं का निर्माण कराया गया है।
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श्रृंगवेरपुर धाम में 52 फीट ऊंची श्रीराम और निषादराज की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। इस प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रयागराज दौरे के दौरान किया। इसके साथ ही गंगा तट पर ‘रामचौरा घाट’ और ‘संध्या घाट’ का निर्माण हुआ है जहां विशेष म्यूरल्स के माध्यम से श्रीराम के आगमन और उनके जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों को दर्शाया गया है।

श्रृंगवेरपुर में पर्यटन और सुविधाएं 

श्रृंगवेरपुर धाम को न केवल धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया गया है बल्कि इसे प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी उभारा जा रहा है। यहां श्रद्धालुओं के लिए फैसिलिटी सेंटर, होम स्टे के साथ-साथ अन्य व्यवस्था भी की गई है। पर्यटकों को गंगा तट पर रात्रि विश्राम और सांस्कृतिक गतिविधियों का अनुभव भी कराया जाता है।
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अब श्रृंगवेरपुर धाम का विकास इसे धार्मिक और ऐतिहासिक केंद्र के साथ-साथ एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी स्थापित कर रहा है। यहां की ऐतिहासिक संरचनाएं, पवित्र गंगा तट, और श्रीराम-निषादराज की कहानियां आधुनिक युग में भी सनातन संस्कृति के मूल्यों को बनाए रखने का संदेश देती हैं।

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