वहां पहुंचते ही देखा कि वहां पर दो एंबुलेंस तेजी के साथ सायरन बजाते पहुंच रही हैं और उनमें से जल्दी-जल्दी मरीजों को उतारा जा रहा है । हम जैसे ही कवरेज के लिए पास पहुंचे पुलिसकर्मियों ने हम लोगों को रोक दिया साथ ही हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने मना किया कि आप लोग दूर ही रहें।
जब हम पहुंचे तो वहां पर एक दो मीडिया पर्सन ही मौजूद थे। उसके बाद हम लोग वहां पर खड़ा होकर देखने लगे। 2:45 से बजे से लगातार एम्बुलेंस तेजी के साथ सेंट्रल हॉस्पिटल पहुंच रहीं थीं और उसमें से लगातार मरीजों को उतार कर पुनः वापस लौट रहीं थीं। कभी 5 मिनट तो कभी 3 मिनट कभी 1 मिनट के अंतराल पर लगातार एंबुलेंस आईं और गई। इतने में देखते ही देखते भारी संख्या में पुलिस बल पहुंच गए और पूरे अस्पताल परिसर को बैरिकेट कर दिया।
मीडिया कर्मियों को कवरेज से रोका जाने लगा, परंतु आधे घंटे में ही सेंट्रल हॉस्पिटल पर 10 से अधिक मीडिया कर्मियों की उपस्थिति हो गई। तभी एम्बुलेंस से उतरी महिला ने बोली संगम पर भगदड़ मची है बहुत लोग घायल हैं और मरे हैं, इतना बोलते रोते हुए निकल गई। इसी बीच अपर मेला अधिकारी आकांक्षा पहुंचीं और मीडिया को बताया कि कुछ घायल लोग आ रहें हैं, सर्वप्रथम इनका इलाज किया जा रहा है। जो कुछ जानकारी होगी बताया जाएगा। 5 घण्टे तक यही दृश्य सेंट्रल हॉस्पिटल पर बना रहा 50 से अधिक एम्बुलेंस घायलों और मृतकों को लेकर पहुंचे।
एम्बुलेंस और अस्पताल के कमर्चारी अत्यधिक सक्रिय दिखे
सेंट्रल हॉस्पिटल में हवा की रफ्तार से लगातार एम्बुलेंस पहुंच रहीं थीं, और घायलों को छोड़कर वापस लौट रहीं थी। इस दौरान हॉस्पिटल के डॉक्टर और कर्मचारी में बड़ी तेज़ी के साथ घायल को स्ट्रैचर लगाकर उतार रहे थे, और तुरंत इलाज शुरू कर दे रहे थे जिससे कई श्रद्धालुओं के जीवन को बचाया जा सका। इसी बीच हॉस्पिटल परिसर में ही अचानक एक एंबुलेंस में धुँआ निकलने लगा आनन फ़ानन में एंबुलेंस के हटाया गया अन्यथा एक और हादसा हो जाता।