11 मार्च को इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था, और आज सोमवार को कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि याचिका में कोई ठोस आधार नहीं है और राज्य सरकार द्वारा पहले ही मामले की जांच कराई जा रही है।
यह फैसला योगी सरकार के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि इससे उनके प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाले प्रयासों को झटका लगा है। अब राज्य सरकार के पास महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए पूरी जिम्मेदारी बनी रहेगी।

महाकुम्भ के दौरान संगम नोज पर रात करीब एक बजे भीड़ बहुत ज्यादा हो गई और इसी दौरान अचानक भगदड़ मच गई। जिसमें 32 लोगों की जान चली गई। कई लोग घायल भी हुए थे। जिनका इलाज करा कर उन्हें वापिस घर भेजा गया था।