हालांकि पहले दिन उम्मीद के मुताबिक सभी सीटें भरी नहीं थीं—करीब आधी सीटें खाली रहीं। इससे पहले भी आठ कोच वाले संस्करण में सीटें पूरी तरह भरने में दिक्कत आती रही है, और यही वजह रही कि यह ट्रेन अपेक्षाकृत कम राजस्व देने वाली सेवाओं में गिनी जाती थी।
ट्रेन के संचालन समय में बदलाव की मांग लंबे समय से उठ रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है। फिर भी, कोचों की संख्या में बढ़ोतरी से यात्रियों को निश्चित रूप से ज्यादा सुविधा मिलेगी।
गौरतलब है कि इस वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जुलाई 2023 को गोरखपुर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इसके बाद 14 मार्च 2024 को इसका विस्तार प्रयागराज तक कर दिया गया।
नई व्यवस्था में यह सेमी-हाईस्पीड ट्रेन प्रयागराज से लखनऊ और अयोध्या होते हुए गोरखपुर तक का सफर ज्यादा तेज, सुविधाजनक और आरामदायक बना रही है। रेलवे को उम्मीद है कि इस नए बदलाव से यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे राजस्व भी बेहतर होगा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।