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रायपुर

NEET UG से पहले ही 85 लाख में MBBS में एडमिशन का झांसा, छात्रों और अभिभावकों को कर रहे गुमराह..

NEET UG 2025 Scam: निजी मेडिकल कॉलेज में 60 से 85 लाख रुपए में एडमिशन का झांसा दे रहे हैं। जबकि सरकारी हो या निजी कॉलेज, एडमिशन नीट यूजी क्वालिफाइड छात्रों का ही होगा।

रायपुरApr 29, 2025 / 10:54 am

Shradha Jaiswal

NEET UG से पहले ही 85 लाख में MBBS में एडमिशन का झांसा, छात्रों और अभिभावकों को कर रहे गुमराह..
NEET UG 2025: छत्तीसगढ़ के रायपुर में नीट यूजी की परीक्षा 4 मई को है और ठगने वाले प्राइवेट फर्म इससे पहले ही बड़े-बड़े विज्ञापन छपवाकर छात्रों व अभिभावकों को देश के किसी भी निजी मेडिकल कॉलेज में 60 से 85 लाख रुपए में एडमिशन का झांसा दे रहे हैं। जबकि सरकारी हो या निजी कॉलेज, एडमिशन नीट यूजी क्वालिफाइड छात्रों का ही होगा।
कोई भी कॉलेज सीधे एडमिशन नहीं दे सकता। अगर दे रहा है तो यह अवैध है और यह एडमिशन मान्य नहीं होगा। इससे अभिभावकों के लाखों रुपए डूबना तय है। इसलिए बेहतर होगा कि प्राइवेट फर्म के झांसे में न आएं। चिकित्सा शिक्षा विभाग का भी कहना है कि दलालों के झांसे में न आएं।
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NEET UG 2025: कोई भी कॉलेज नहीं दे सकता सीधे एडमिशन

मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस, एमडी-एमएस कोर्स में एडमिशन मेरिट सूची से होता है। अच्छी रैंक रहने पर ही सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन हो पाता है। हां, ये जरूर है कि सरकारी की तुलना में निजी कॉलेजों में कम स्कोर में प्रवेश होता है, लेकिन कोई भी कॉलेज सीधे एडमिशन नहीं दे सकता।
कोई फर्म या दलाल, अगर ये दावा करता है कि बिना क्वालिफाइड व मेरिट में आए बिना एडमिशन दिलवा सकता है तो वह साफ झूठ बोल रहा है। मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि पालकों व छात्रों को इस तरह के भ्रामक विज्ञापन पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

NEET UG 2025: मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया ऐसे

सबसे पहले नीट यूजी की परीक्षा देनी होगी।

नीट क्वालिफाइड होना अनिवार्य।

अच्छी रैंक लाना जरूरी।

जनरल के लिए 50 परसेंटाइल अंक जरूरी।
एसटी, एससी व ओबीसी के लिए 40 परसेंटाइल अंक।

फ्रीडम फाइटर, पूर्व सैनिक के लिए 45 परसेंटाइल अंक।

प्रवेश के पहले डीएमई के पोर्टल में ऑनलाइन पंजीयन करवाना।

पंजीयन के बाद मेरिट सूची जारी होगी।
फिर च्वाइस फिलिंग करनी होगी।

मेरिट से ही आवंटन सूची जारी होगी।

कॉलेज भी उन्हीं छात्रों को देंगे प्रवेश।

कोई भी कॉलेज सीधे प्रवेश नहीं दे सकता।

ऐसा करना अवैध, प्रवेश अमान्य।
पत्रिका ने पिछले साल एनआरआई कोटे में एडमिशन के लिए दलालों के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें उन्होंने 1.10 करोड़ रुपए में एडमिशन दिलाने का दावा किया था। यही नहीं बाद में खुले कुछ निजी कॉलेजों के लिए 90 लाख रुपए में एडमिशन का भी दावा कर रहे थे। वे यहां तक कह रहे थे कि कॉलेजों से उनकी सेटिंग के बिना एनआरआई कोटे में संभव नहीं है। पत्रिका की इस खबर का इंपैक्ट भी हुआ है और इस वर्ष एनआरआई कोटे की सीटों का आवंटन दिल्ली से किया जाएगा। हालांकि इस संबंध में अभी कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। ऑनलाइन मीटिंग में ये घोषणा की गई थी।
चेयरमैन बालाजी मेडिकल कॉलेज डॉ. देवेंद्र नायक ने कहा की जो भी निजी मेडिकल कॉलेज एनएमसी से मान्यता प्राप्त है, वो सीधे प्रवेश नहीं दे सकता। प्रवेश के लिए नीट क्वालिफाइड होना जरूरी है। डीएमई कार्यालय काउंसलिंग के माध्यम से एडमिशन करवाता है। किसी के झांसे में न आएं।
डीएमई डॉ. यूएस पैकरा ने कहा की एमबीबीएस में एडमिशन नीट यूजी क्वालिफाइड छात्रों का होता है। सरकारी व निजी कॉलेजों के लिए ये जरूरी है। कोई प्राइवेट एजेंसी या फर्म अगर प्रवेश का झांसा दे रहा है तो यह झूठ है। किसी भी दलाल या एजेंसी के झांसे में न आएं।

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