पुलिस के मुताबिक मोहम्मद तबरेज मेमन ने अपनी पत्नी के नाम पर पंडरीतराई पटवारी हल्का नंबर 109 में स्थित 2242 वर्गफुट जमीन को वर्ष 2011 में वीरेंद्र सिंह से खरीदा था। इसकी रजिस्ट्री भी कराई थी। इस जमीन का बुधवार को सीमांकन होना था। यह जमीन हरदयाल सिंह के घर के बगल में है। हरदयाल वीरेंद्र का रिश्तेदार है। जमीन के सीमांकन होने जानकारी मिलते ही मंगलवार की रात हरदयाल ने प्लाट के गेट में लगा ताला तोड़ दिया। उस पर अपना ताला लगा दिया।
बुधवार सुबह तबरेज और अन्य लोग कुछ मजदूरों को लेकर सीमांकन के लिए सफाई कराने पहुंचे। प्लाट के गेट में दूसरा ताला लगा देखकर उन्होंन ताला तोड़कर सफाई करानी शुरू की। इसकी जानकारी हरदयाल को हुई। उसने गाली-गलौज करते हुए अपनी रायफल निकाल दिया। उसने हवाई
फायरिंग की। इसके बाद जान से मारने की धमकी देते हुए तबरेज और अन्य लोगों पर बंदूक तान दिया। और सभी को प्लाट से बाहर खदेड़ने लगे। इस दौरान हरदयाल के साथ उसके रिश्तेदार भी थे। काम करने वालों को भी भगा दिया गया।
फायरिंग से हड़कंप
गोली चलने से आसपास के इलाके में दहशत फैल गया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर सिविल लाइन पुलिस पहुंची। इसके बाद आरोपी हरदयाल को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे थाने लाया गया। उसके बंदूक के लाइसेंस की जांच की गई। पुलिस का दावा है कि उसके पास लाइसेंसी बंदूक है।
बड़ी घटना टली
आरोपी हरदयाल अपराधिक प्रवृत्ति का है। बताया जाता है कि हवाई फायरिंग के बाद वह जमीन मालिक और अन्य लोगों पर बंदूक तान दिया था और गोली मारने की धमकी दे रहा था। हरदयाल अपराधिक प्रवृत्ति का है। जुआ और लकड़ी तस्करी जैसे मामलों में उसका नाम आ चुका है। एक बार तीन बस में भरकर जवान उसके अड्डे में छापा मार चुके हैं। तत्कालीन सिविल लाइन सीएसपी शशिमोहन सिंह ने इसके अड्डे में छापा मारने टीम भेजा था। उस समय टीम में शामिल टीआई से बदतमीजी की थी। इसके बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। जड़ी-बुटी बेचने वाले एक कारोबारी की जमीन पर भी कब्जा कर लिया था। उसमें टिंबर मिल चलाते थे। उसमें भी
लकड़ी तस्करी की सूचना में पुलिस कई बार छापा मार चुकी है।
CG Crime News: सीमांकन टली
बताया जाता है कि आरोपी साजिश के तहत सीमांकन कार्रवाई टालने के लिए फायरिंग की घटना को अंजाम दिया। इससे सीमांकन कार्रवाई टल गई। सीमांकन के लिए कोर्ट ने आदेश दिया है। घटना के बाद जमीन बेचने वाले सिविल लाइन थाने पहुंच गए थे और पीड़ित के पक्ष में ही थे।