छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री व नगरीय निकाय मंत्री अरुण साव ने बुधवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा, राज्य के 10 नगर निगमों, 49 नगर पालिकाओं और 114 नगर पंचायतों में जो चुनाव हो रहा है, उसके लिए नामांकन दाखिल का काम मंगलवार को पूर्ण हो चुका है और बुधवार को नामांकन पत्रों की समीक्षा हो रही है।
साव ने कहा, कई अनेक स्थानों पर उन्हें 2023 के विधानसभा, 2024 के लोकसभा चुनावों और रायपुर दक्षिण उपचुनाव के समय जैसा उत्साह था, वैसा ही उत्साह निकाय चुनावों की नामांकन रैलियों में दिखाई पड़ा है। यह बताता है कि नगरीय निकाय में भाजपा के पक्ष में लहर चल रही है और भाजपा सभी नगरीय निकायों में चुनाव जीतने वाली है।
उप मुख्यमंत्री ने कांग्रेस में मचे अंदरुनी घमासान पर कटाक्ष करते हुए कहा, कांग्रेस की हालत सबके सामने है। पिछले 5 दिनों में जो मंजर प्रदेशवासियों ने देखा है, उससे स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी में कैसी ऊहापोह और आपाधापी मची है। किस तरह से और कैसे प्रत्याशियों का चयन हो रहा है!
यह कितनी दुर्भाग्यजनक बात है कि महापौर जैसे पद के लिए कांग्रेस के पास जमीन पर काम करने वाली कोई कांग्रेस नेत्री नहीं मिली। कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और अपमान किया है, यह प्रत्याशियों का विश्लेषण करने पर साफ हो जाएगा। कम-से-कम महापौर के पद पर भी संगठन में जनता के बीच काम करने वाले प्रत्याशी तक कांग्रेस लेकर नहीं आ पाई।
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डिप्टी सीएम अरुण साव के पत्रकारवार्ता पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, अपनी ही पार्टी के जनाधार वाले नेता और कार्यकर्ताओं के हक का गला घोंटना, लिफाफा संस्कृति से प्रत्याशी तय करना ही भाजपा का राजनीतिक चरित्र है। साव अपनी पार्टी की चिंता करें। जगदलपुर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के भतीजे सहित दर्जनों कार्यकर्ता, खैरागढ़ जिला उपाध्यक्ष, छुईखदान महिला मोर्चा मंत्री, बीजापुर, सुकमा, रायगढ़ सहित पूरे प्रदेश में भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं की व्यथा सर्वविदित है। भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चिरमिरी में भाजपा ने महापौर का टिकट जिसे बेचा है, उसने पिछला चुनाव पार्टी के खिलाफ़ लड़ा था और कुल 4 वोट पाए थे। भाजपा कार्यकर्ताओं का इससे बड़ा अपमान और क्या हो सकता है? कार्यकर्ता पार्टी की रीड़ होते हैं, उन्हें गुलाम और पैडवर्कर समझना भाजपा नेताओं की भूल है। भाजपा के कार्यकर्ता आने वाले चुनाव में इन्हें सबक सिखाएंगे।