CG News: दोगुना मुआवजा देने की योजना
अभी तक किसानों में इस बात का असंतोष था कि
एनआरडीए ने अपने क्षेत्र में 28 गांवों को शामिल करके दोगुना मुआवजा देने की योजना बनाई है। डेवलपमेंट तो कुछ किया नहीं जा रहा है। इसलिए पहले से शामिल करके खरीद-बिक्री पर रोक लगाई है, ताकि शहरी क्षेत्र मानकर दो गुना मुआवजा देना पड़े। लेकिन अब ऐसा नहीं है। एनआरडीए क्षेत्र में शामिल उन सभी गांवों की जमीन का भी उतना ही मुआवजा मिलेगा, जितना की प्राधिकरण क्षेत्र से बाहर के गांवों की जमीन का मिलता है।
एनआरडीए अफसरों के अनुसार इस मसले पर 19 जनवरी 2025 को मंत्रिपरिषद में फैसला होने के बाद अमल में लाया गया। इसके साथ ही एनआरडीए के अंदर और बाहर गांव की जमीन अधिग्रहित किए जाने पर एक समान चार गुना मुआवजा किसानों को मिलेगा।
केवल परिसंपत्तियों के लिए दोगुना
इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि हमेशा यह डर था कि एनआरडीए ने जिन गांवों को अपने क्षेत्र में शामिल किया है, वह जमीन लेने पर केवल शहरी मानकर दोगुना मुआवजा देगा। शहरी क्षेत्र की जमीन का दोगुना और ग्रामीण क्षेत्र की जमीन का चार गुना मुआवजा देने का नियम लागू है, लेकिन इस नियम को नवा रायपुर क्षेत्र में एक समान कर दिया गया है। एनआरडीए क्षेत्र के दायरे वाली जमीन से जो नई रेल लाइन निकलने वाली है, उसका अधिग्रहण होने पर प्रभावित किसानों को भी अब कलेक्टर दर से चार गुना मुआवजा मिलेगा।
परिसंपत्तियों को हटाने पर सिर्फ दोगुना का प्रावधान
CG News: अधिकारियों के अनुसार खाली जमीन अधिग्रहित करने पर 4 गुना मुआवजा देने का नियम लागू हो गया है। इसके साथ ही यह नियम भी तय किया गया है कि निर्माण तोड़ने की स्थिति बनती है, तो प्रभावित गांव के लोगों को उस निर्माण का केवल दोगुना ही मुआवजा मिलेगा। इससे अधिक नहीं मिलेगा। ऐसा निर्णय निर्माण रोकने के लिए किया गया है। कैलाश वर्मा, प्रबंधक, एनआरडीए: नया
रायपुर में आवासीय और व्यावसायिक विस्तार को देखते हुए आसपास के 28 गांवों को शामिल किया गया था। मंत्रिपरिषद के फैसले के बाद अब इन गांवों के लोगों की जमीन अधिग्रहण का चार गुना मुआवजा भुगतान होगा। जबकि परिसंपत्तियों को हटाने पर सिर्फ दोगुना का प्रावधान है।