दरअसल, सुशासन तिहार में कई जिलों में शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं होने की बात सामने आई थीं। इसके अलावा रेत के अवैध खनन और शराब की अवैध तस्करी की शिकायतें भी मिली थी। इसके आधार पर सर्जरी की तैयारी की जा रही है।
बता दें कि विधानसभा के मानसून सत्र से पहले मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें लगाई जा रही हैं। संभावना है कि हरियाणा फार्मूला यहां भी लागू हो सकता है। ऐसे में मंत्रियों की पसंद से आईएएस अफसरों को इधर से उधर किया जा सकता है। वहीं मुख्य सचिव अमिताभ जैन का कार्यकाल भी 30 जून को समाप्त हो रहा है। इस वजह से प्रशासनिक सर्जरी करना और भी जरूरी हो गया है।
हालांकि पिछले दिनों राज्य सरकार ने पांच आईएएस अफसरों के प्रभार में बदलाव किया था। इसके बाद भी कुछ अफसरों के पास ऐसे कई बड़े विभाग, जिनकी वजह से भी प्रशासनिक सर्जरी की संभावना जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री सचिवालय रख रहा है नजर
प्रदेश में कलेक्टर और एसपी के कामकाज की निगरानी मुख्यमंत्री सचिवालय स्वयं कर रहा है। मुख्यमंत्री भी समय-समय में इसकी जानकारी लेते रहते हैं। यही वजह है कि सभी कलेक्टरों के कामकाज की जानकारी है। ऐसे में अच्छा काम करने अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।