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रायपुर

CG News: 2500 करोड़ की वसूली का बड़ा खुलासा, EOW ने टुटेजा और अनवर को फिर दबोचा

CG News: ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट के आवेदन और गिरफ्तारी की योजना को गोपनीय रखा।

रायपुरJul 10, 2025 / 08:30 am

Laxmi Vishwakarma

टुटेजा और अनवर 14 तक रिमांड पर (Photo source- Patrika File)

टुटेजा और अनवर 14 तक रिमांड पर (Photo source- Patrika File)

CG News: प्रदेश में हुए 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में जेल भेजे गए कारोबारी अनवर ढेबर और पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को कस्टम मिलिंग घोटाले में ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया है। साथ ही पूछताछ के लिए 14 जुलाई तक के लिए रिमांड पर लिया गया। ईओडब्ल्यू ने दोनों पर आरोप लगाया है कि राइस मिलरों से वसूल की गई अवैध वसूली में मुख्य आरोपी है। उनके जरिए ही वसूली का खेल किया गया है।

CG News: सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद किया गया रिहा

जांच के दौरान इसके इनपुट मिले हैं। इसे देखते हुए दोनों से पूछताछ करने की जरूरत है। रिमांड पर लेने के लिए 8 जनवरी को जांच एजेंसी द्वारा विशेष न्यायाधीश की अदालत में प्रोडक्शन वारंट का आवेदन लगाया गया था। पेशी के दौरान न्यायाधीश को बताया कि शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया राइस मिलरों से कस्टम मिलिंग के एवज में वसूली करने के बाद अनवर ढेबर को देते थे।
रकम एकत्रित होने के बाद अनवर इसे अनिल टुटेजा तक पहुंचाते थे। इसके बाद कमीशन की रकम का बंदरबाट होता था। बता दें कि इस प्रकरण में राइस मिल एसोसिएशन के तत्कालीन कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर और मार्कफेड के तत्कालीन एमडी मनोज सोनी को गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकरण में मनोज सोनी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा किया गया है।

यह है पूरा मामला

राइस मिलरों से कस्टम मिलिंग के एवज में 20 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन वसूल किया जाता था। इसकी रकम जमा होने के बाद कस्टम मिलिंग की रकम का भुगतान किया जाता था। अब तक की जांच में रोशन चंद्राकर द्वारा वसूली करना ईडी और ईओडब्ल्यू द्वारा बताया जा रहा था। इसमें अनवर और टुटेजा की गिरफ्तारी के बाद नया मोड़ आ गया है।

गोपनीयता बरती

ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट के आवेदन और गिरफ्तारी की योजना को गोपनीय रखा। इसकी भनक तक किसी को नहीं लगने दी। गिरफ्तार करने से एक दिन पहले ही आवेदन लगाया और पेश करते ही गिरफ्तार कर तत्काल कोर्ट में पेश कर दिया। साथ ही पूछताछ के लिए रिमांड आवेदन भी प्रस्तुत किया। यह सारी योजना पहले ही जांच एजेंसी द्वारा पहले ही बनाई गई थी।

गिरफ्तारी को गलत बताया

कस्टम मिलिंग घोटाले में अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी को अभियोजन पक्ष ने गिरफ्तारी को सही ठहराया। वहीं बचाव पक्ष ने गिरफ्तारी और दो साल जांच करने के बाद अचानक ही आरोपी बनाए जाने पर सवाल उठाया। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद रिमांड आदेश जारी किया।

दोनों पक्ष के वकीलों में जमकर हुई बहस

बचाव पक्ष ने अनवर और टुटेजा पर लगाए गए आरोपों का विरोध करते हुए न्यायाधीश को बताया कि 2021-22 में कस्टम मिलिंग घोटाला करना जांच एजेंसी द्वारा करना बताया जा रहा है। इस प्रकरण की जांच पिछले 2 साल से चल रही है। लेकिन, आज तक उनके पक्षकार का किसी भी दस्तावेज और चालान में जिक्र तक नहीं किया गया है।
शराब घोटाले के आरोपी सिध्दार्थ के बयान के आधार पर अनवर और टुटेजा को गिरफ्तार किया गया। जबकि दोनों की इस घोटाले में किसी भी तरह की भूमिका नहीं है। जबकि वसूली की रकम अनवर को सिद्धार्थ द्वारा पहुंचाना बताया गया है। लेकिन, सिद्धार्थ को गवाह और अनवर सहित टुटेजा को आरोपी बनाया गया है। वह भी केवल सिद्धार्थ की गवाही पर। ईओडब्ल्यू ने पेश किए गए तर्क का विरोध करते हुए बताया कि इस खेल के मुख्य खिलाफ अनवर और टुटेजा है।

सीजीएमएससी की 18 और भारतमाला की 23 जुलाई को

CG News: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) घोटाले की 18 और भारतमाला परियोजना में हुए मुआवजा घोटाले की सुनवाई 23 जुलाई को होगी। उक्त दोनों ही प्रकरणों में जेल भेजे गए आरोपियों के रिमांड पेशी समाप्त होने पर ईओडब्ल्यू के विशेष न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने बताया कि 660 करोड़ के सीजीएमएसी घोटाले में 18 हजार पन्नों का चालन पेश किया जा चुका है।
इस प्रकरण में शशांक चोपड़ा और पांच सरकारी अधिकारियों बसंत कुमार कौशिक, छिरोद रौतिया, कमलकांत पाटनवार, डॉक्टर अनिल परसाई और दीपक कुमार बंधे को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इस समय प्रकरण की जांच चल रही है। भारतमाला परियोजना घोटाले की जांच करने के लिए ईओडब्ल्यू ने 25 अप्रैल 2025 को 20 ठिकानों में छापामारा था।

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