वहीं कांग्रेस का कहना है दूसरे चरण में जिला पंचायतों में 138 क्षेत्रों में से कांग्रेस समर्थित 89 सदस्य चुनाव जीत कर आए हैं। 899 जनपद सदस्यों में कांग्रेस समर्थित 548 चुनाव जीत कर आए हैं। इसी प्रकार दूसरे चरण में 3774 स्थानों पर सरपंचों के चुनाव हुए हैं जिसमें कांग्रेस समर्थित 2780 सरपंच चुनाव जीत कर आए हैं। दूसरे चरण के पंचायत चुनाव में भी कांग्रेस को भाजपा से बड़ी बढ़त मिली है।
CG Panchayat Chunav 2025: 43 विकास खंडों में हुआ मतदान
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि द्वितीय चरण में राज्य के 43 विकासखण्डों में मतदान हुआ। 81 प्रतिशत से अधिक महिला एवं पुरुष
मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस प्रकार राज्य में मतदान का औसत 81.22 प्रतिशत रहा।
गांवों में भी भाजपा के पक्ष में जीत : सिंह
भाजपा की त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव समिति के प्रदेश प्रभारी सौरभ सिंह ने कहा, अभी गांवों में लोकतंत्र का उत्सवी वातावरण देखते ही बन रहा है। गांवों में भी भाजपा समर्थित पंच, सरपंच, जनपद व
जिला पंचायत सदस्यों के रूप में भाजपा के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जीतकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, जो कांग्रेस दावा करती थी कि बैलेट पेपर से चुनाव होने पर हम नगरीय निकायों में बहुमत में आ जाते। लेकिन अब बैलेट पेपर से हो रहे पंचायत चुनाव में भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो रहा है।
गांवों में भाजपा को जनता ने नकारा : शुक्ला
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा,
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में प्रदेश के गांवों की जनता ने भाजपा को पूरी तरह से नकार दिया है। दो चरणों के चुनाव परिणामों से कांग्रेस को स्पष्ट बढ़त दिखाई दे रही है। भाजपा झूठे दावे कर अपनी इज्जत बचाने में लगी है। लेकिन हकीकत में प्रदेश के गांवों की जनता जो प्रदेश की कुल आबादी की 70 प्रतिशत से भी अधिक है ने भाजपा को नकार दिया है। यह जनादेश भाजपा की 1 साल की सरकार के खिलाफ आया है।
चुनाव: भाजपा बनाम कांग्रेस
रायपुर प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से लगातार हर चुनाव में भाजपा की जीत का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। विधानसभा चुनाव में भी
भाजपा को पहली 54 सीटें मिली। जो पिछले 15 साल रही भाजपा की सरकार की तुलना में सर्वाधिक सीटें हैं। इसके बाद राजधानी रायपुर की दक्षिण विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी ने बंपर वोटों से जीत दर्ज की।
इसके बाद हुए नगरीय चुनाव में भी भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज करते हुए 10 नगर निगम में हुए चुनाव में भाजपा के ही महापौर चुने गए। इसी तरह नगर पालिका परिषद और
नगर पंचायत चुनाव में भी भाजपा के अध्यक्ष सर्वाधिक चुने गए। राजनीतिक एक्सपर्ट का कहना है कि भाजपा हर चुनाव को चुनाव की तरह ही लड़ती है। जबकि कांग्रेस में ऐसा नहीं है। भाजपा में अनुशासन रहता है, लेकिन कांग्रेस ऐसा दिखाई नहीं देता है। इसलिए वहां गुटबाजी अधिक दिखती है।