CGMSC Scam: बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर की खरीदारी
इस दौरान संतोषजनक जवाब नहीं देने पर गिरफ्तार कर ईडी के विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां ईओडब्ल्यू ने बताया कि इस घोटाले में स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों ने सिंडीकेट बनाकर साजिश के तहत बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर मेडिकल उपकरणों एवं दवाइयों की खरीदी की। इसके एवज में कमीशन लिया। शिकायती जांच में इसकी पुष्टि होने पर सभी को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि इस प्रकरण में मोक्षित कार्पोरेशन दुर्ग के संचालक शंशाक चोप़डा को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। सांठ-गांठ कर पूल टेंडरिंग में फर्जीवाड़ा
सीजीएमएससी घोटाला करने वाले अधिकारियों ने सिंडीकेट बनाकर मोक्षित कार्पोशन (दुर्ग) सीबी कार्पोरेशन ( दुर्ग) रिकार्ड्स एवं मेडिकेयर सिस्टम, एचएसआईआईडीसी (पंचकुला हरियाणा) श्री शारदा इंडस्ट्रीज धरसींवा) के साथ सांठगांठ कर पूल टेंडरिंग में फर्जीवाड़ा किया। निविदा में हेराफेरी कर अपने करीबी लोगों को उपकृत करने के लिए उन्हे जिम्मेदारी सौंपी गई। स्वास्थ्य विभाग में उपयोग होने वाले रिएजेंट एवं मशीनों को बाजार मूल्य अधिक कीमत पर खरीदी की। बता दें कि जांच के दायरे में आने के बाद शारदा इंडस्ट्रीज प्रबंधन ने अपनी फर्म को बंद कर दिया है।
घोटाले की जांच करने के लिए छापेमारी
ईओडब्ल्यू ने सीजीएमएससी घोटाले की जांच करने दुर्ग के मोक्षित कार्पोरेशन संचालक शंशाक चोपडा उनके रिश्तेदारों और हरियाणा के पंचकुला में 27 जनवरी को छापा मारा था। इस दौरान तलाशी में घोटाले से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए थे। इसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग के आईएएस भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा, मीनाक्षी गौतम एवं अन्य बडे़ अधिकारियों से पूछताछ कर बयान लिया गया था। इस दौरान मिले इनपुट के आधार पर पहले शंशाक चोपडा़ को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मंत्री की बर्खास्तगी व सीबीआई जांच की मांग
कांग्रेस ने रीएजेंट व मेडिकल उपकरण घोटाले में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफा मांगा है और इस्तीफा न देने की स्थिति में मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। साथ ही सीबीआई जांच की मांग भी की है। कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता व संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, मंत्री इस्तीफा दें। इस्तीफा नहीं देने पर उन्हें बर्खास्त किया जाए।
उपकरण घोटाला ऐसा
कांग्रेस शासनकाल यानी 2018 से 2023 के बीच का मामला। जरूरत न होते हुए भी रीएजेंट सीएचसी-पीएचसी तक में भिजवाए। शिकायत 2022 में हुई थी, कांग्रेस सरकार ने मामला दबाया। 55 हजार के रेफ्रिजरेटर को ढाई लाख में खरीदा। मोक्षित कॉर्पोरेशन से सप्लाई ब्लड जांच वाली 700 मशीनें बंद। बाजार रेट से 8 से 10 गुना अधिक कीमत पर खरीदी। मशीनों को लॉक किया ताकि मोक्षित से रीएजेंट खरीद सके।
कूट रचना कर मोक्षित अपने को बताता रहा मैन्यूफैक्चरर्स।