केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोयला घोटाले में आरोपी बनाया है। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के ठीक पहले ईओडब्ल्यू ने साजिश के तहत गिरफ्तार किया है। जबकि इस घोटाले में एक साल पहले एफआईआर दर्ज की गई। इतने लंबे समय बाद अचानक प्रोडक्शन वारंट पर कोर्ट में बुलवाने के बाद योजनाबद्ध तरीके से गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया। जमानत दिए जाने पर जांच में सहयोग करने के साथ ही सबूतों और गवाहों के साथ किसी भी तरह की
छेड़छाड़ और सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
DMF Scam: जानिए क्या है DMF घोटाला
प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक, ईडी की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। केस में यह तथ्य सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया।
जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है। प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है। ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया।