उक्त सभी को विशेष न्यायाधीश की अदालत में बुधवार को पेश कर सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को 23 तक जेल भेज दिया गया है। वहीं जमीन दलालों को पूछताछ करने 2 दिन की रिमांड पर लिया है। इसकी अवधि पूरी होने पर 18 जुलाई को कोर्ट में पेश किया जाएगा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने जमीन घोटाले करने वाले अन्य आरोपियों के साथ आपराधिक षडयंत्र कर 2020 से 2024 के दौरान यह खेल किया गया था।
जांच के दौरान इसके इनपुट मिलने पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि ईओडब्ल्यू ने करोड़ों रुपए के भारतमाला परियोजना घोटाले में गत 25 अप्रैल को 20 ठिकानों पर छापे मारे थे। इस प्रकरण में जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा, केदार तिवारी उसकी पत्नी उमा तिवारी और विजय जैन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
महत्वाकांक्षी परियोजना में ऐसे किया घोटाला
रायपुर से विशाखापट्टनम तक प्रस्तावित इकॉनॉमिक कॉरीडोर के लिए शासन द्वारा भू-अर्जन किया गया। जल संसाधन विभाग के 2 कर्मचारियों ने पूर्व में अधिग्रहित की गई जमीन की गलत रिपोर्ट प्रस्तुत की। 4 अन्य फरार आरोपियों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर खाता विभाजन (बटांकन) एवं अन्य राजस्व प्रक्रियाओं में फर्जीवाड़ा किया गया था। किसानों से उनकी जमीन के एवज में कमीशन लिया। साथ ही दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर अधिग्रहित जमीन को दोबारा शासन को विक्रय कर मुआवजा बांटा।