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दंतेवाड़ा के युवाओं की आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरणादायक यात्रा, IIM में उद्यमिता प्रशिक्षण से बदली जीवन की दिशा, जानें कैसे? 50 कंप्यूटरों से लैस इस सुविधा केंद्र का सेटअप तैयार कर लिया गया है। कॉलेज के प्रोफेसर एच. तालवेकर को आई-हब का सीईओ नियुक्त किया गया है। यह हब गुजरात आई-हब की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है, जहां वर्तमान में 350 से अधिक स्टार्टअप इनक्यूबेट हैं।
छत्तीसगढ़ भी अगले 5 वर्षों में इस लक्ष्य तक पहुंचने का रोडमैप बना चुका है।
आइडिया सलेक्ट हुआ तो मिलेगा फंड प्रोफेसर एच. तालवेकर ने बताया जिन युवाओं के स्टार्टअप आइडियाज चयनित होंगे, उन्हें 10 लाख रुपए तक की फंडिंग प्रदान की जाएगी। आई-हब में अभी तक 136 प्रस्ताव आ चुके हैं, जिनमें से कई छात्रों ने कृषि, चिकित्सा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग आधारित समाधान प्रस्तुत किए हैं। कुछ प्रेजेंटेशन उपमुख्यमंत्री के समक्ष भी हो चुके हैं।
प्रो वर्कप्लेस और रिसर्च लैब की सुविधा आई-हब में छात्रों को इंटरनेट, बिजली, प्रो वर्कप्लेस जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। साथ ही, रिसर्च लैब और ब्लॉक-ई के एक फ्लोर पर इनक्यूबेशन स्पेस भी विकसित किया जाएगा। हालांकि प्राथमिकता छत्तीसगढ़ के युवाओं को दी जाएगी, लेकिन कुछ शर्तों के तहत अन्य राज्यों के प्रतिभाशाली नवाचारकों को भी अवसर मिल सकेगा।
टेक्निकल-मार्केटिंग दोनों में सहयोग आई-हब उन छात्रों की मदद भी करेगा जो तकनीकी रूप से सक्षम हैं लेकिन मार्केटिंग स्ट्रेटजी में पिछड़ जाते हैं। बैंकर, इन्वेस्टर और मार्केटिंग एक्सपर्ट्स को भी इस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा ताकि फाउंडर्स को संपूर्ण मार्गदर्शन मिल सके।
पेटेंट और आईपीआर की जानकारी पंजीकृत छात्रों को आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) और पेटेंट से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके लिए एक विशेष ज्ञानवर्धन कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भाग लेंगे।
शुरुआती फंडिंग की व्यवस्था अगर किसी छात्र का आइडिया व्यवहारिक और उपयोगी पाया गया तो शुरुआती तौर पर 2.5 लाख की फंडिंग उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि उसका प्रोटोटाइप या शुरुआती विकास कार्य प्रारंभ किया जा सके।