Jnanpith Award: छत्तीसगढ़ के लिए शनिवार का दिन अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहा। हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल (89) को वर्ष 2024 के लिए 59वें ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की घोषणा हुई है। यह भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है, जिसे भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्य के लिए दिया जाता है। इसके अंतर्गत 11 लाख रुपए की राशि, वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
विनोद कुमार शुक्ल हिन्दी के 12वें और छत्तीसगढ़ के पहले साहित्यकार हैं जिन्हें यह पुरस्कार मिला है। कथाकार श्रीमती प्रतिभा राय की अध्यक्षता और चयन समिति के सदस्यों माधव कौशिक, दामोदर मावजो, प्रभा वर्मा, अनामिका, ए. कृष्णा राव, प्रफ्फुल शिलेदार, जानकी प्रसाद शर्मा और ज्ञानपीठ के निदेशक मधुसूदन आनन्द द्वारा यह निर्णय लिया गया।
कविता के जरिए दी प्रतिक्रिया
पुरस्कार की घोषणा के बाद जब शुक्ल से उनके निवास में प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने पूरी बात कविता के अंदाज में कही। उन्होंने कहा, मुझे लिखना बहुत था, बहुत कम लिख पाया। देखा बहुत, सुना भी मैंने बहुत, महसूस भी किया बहुत, लिखने में थोड़ा ही लिखा। कितना कुछ लिखना बाकी है जब सेाचता हूं तो लगता है बहुत बाकी है।
साहित्य अकादमी पुरस्कार, ‘राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, महत्तर सदस्यता (फेलोशिप)। अंतरराष्ट्रीय साहित्य में शुक्ल के योगदान पर उन्हें वर्ष 2023 के ‘पेन-नोबोकोव अवॉर्ड फॉर अचीवमेंट इन इंटरनेशनल लिटरेचर से सम्मानित किया गया। उनकी रचनाओं के भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुए हैं। अपनी विशिष्ट भाषिक बनावट, संवेदनात्मक गहराई, उत्कृष्ट सृजनशीलता से शुक्ल ने भारतीय एवं वैश्विक साहित्य को समृद्ध किया है।
छत्तीसगढ़ गौरवान्वित
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बधाई देते हुए कहा कि प्रतिष्ठित साहित्यकार, उपन्यासकार और कवि विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने से छत्तीसगढ़ भारत के साहित्यिक मानचित्र पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। शुक्ल का साहित्य विचारों और संवेदनाओं का अद्वितीय संगम है, जो जनमानस को छूता है। उनकी रचनाओं में गहराई, मौलिकता और मानवीय सरोकारों की झलक मिलती है। उनका रचना संसार छत्तीसगढ़ की माटी की खुशबू को भारत के कोने-कोने में पहुंचाता है।
Jnanpith Award: गौरव के पल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बधाई देते हुए कहा कि प्रसिद्ध कवि, कथाकार एवं उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल को भारतीय साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा हम सभी छत्तीगढ़वासियों के लिए बेहद गर्व का पल है।
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