उन्होंने हरियाणा की तर्ज पर
छत्तीसगढ़ में भी 14 मंत्री होने के संकेत भी दिए। सीएम ने कहा, हरियाणा में भी भाजपा की सरकार है। नियम तो सभी के लिए एक जैसे लागू होंगे। पत्रिका से विशेष साक्षात्कार के दौरान सीएम ने भविष्य की कार्ययोजनाओं को भी साक्षा किया।
पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश…..
सवाल: भ्रष्टाचार के आरोप पर पूर्व मंत्री लखमा कहते हैं कि वो अनपढ़ हैं, अधिकारी साइन करवाते थे,उन्हें फंसाया जा रहा है?
जवाब: पूर्व मंत्री लखमा के बयान से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कांग्रेस की सरकार कौन चला रहा है, मंत्री को पता ही नहीं! उनके पूर्व मंत्री स्वयं स्वीकार रहे हैं कि वो अनपढ़ हैं और उनसे किसी भी कागज पर साइन करवा लेते थे! वो खुद ही अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
सवाल: स्मार्ट सिटी के कार्यों का काम दिखाई नहीं दे रहा। शहर स्मार्ट जैसा नहीं दिख रहा है। भ्रष्टाचार की भी शिकायतें हैं?
जवाब: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य रखा था। इसमें रायपुर और बिलासपुर जैसे शहर भी हैं। काम की अच्छी शुरुआत भी हुई, लेकिन कांग्रेस के पिछले पांच साल में सारा गुड़ गोबर हो गया। उनको लगा इसमें अच्छा काम होने से सारा श्रेय प्रधानमंत्री को चला जाएगा, इसलिए पिछली सरकार ने कई योजना का क्रियान्वयन नहीं की। हमारी सरकार आने के बाद फिर से काम में तेजी आएगी। रायपुर के स्काइवॉक का काम फिर से शुरू करेंगे। सवाल: छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों की तरह निवेश के बड़े समिटी कब होंगे?
जवाब: सरकार ने बहुत मेहनत करक नई औद्योगिक नीति बनाई है। इसकी तरीफ भी हो रही है। दिल्ली में हमने इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम किया था। इसमें 150 से अधिक उद्योगपति आए थे। इसका फायदा भी हुआ। नए साल जनवरी से ही इसका नतीजे दिखेगा। स्टील,पावर के साथ नए तकनीक से जुड़े उद्योग भी आएंगे।
Mahtari Vandan Yojana: सवाल: पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक बनने की जगह को लेकर कांग्रेस सवाल उठा रही?
जवाब: डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक है और ऐसे में राहुल गांधी नए वर्ष के उपलक्ष में वियतनाम जाते हैं। यह बहुत ही निंदनीय है। डॉ. मनमोहन सिंह 10 साल तक देश के प्रधानमंत्री थे। वे बड़े अर्थशास्त्री भी थे। राहुल ने कहा था कि उन्होंने अपना गुरु खोया। इसके बावजूद भी उनकी ही पार्टी के नेता राहुल गांधी नए वर्ष के उपलक्ष में वियतनाम जाते हैं, तो पहले तो यह देखें कि कांग्रेस की कथनी और करनी में जमीन-आसमान जितना अंतर है।