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पत्रकार की हत्या के आरोपी की फर्म पर GST का छापा, तलाशी में 2 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा पकड़ाया जानकारी के अनुसार तलाशी के दौरान उक्त फर्म के संचालकों के ठिकानों से टेंडर, खरीदी संबंधी दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक एकाउंट एवं निवेश से संबंधित दस्तावेज प्राप्त हुए है। इसके संबंध में
पूछताछ कर बयान लिया जा रहा है। बताया जाता है कि यह फर्जीवाड़ा छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड रायपुर के अधिकारीगण एवं संचालनालय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण संयुक्त रूप से किया गया था।
संयुक्त रूप से सिंडीकेट बनाकर आपराधिक षडयंत्र कर पूल-टेंडरिंग कर, स्वास्थ्य विभाग में उपयोग होने वाले रीएजेंट एवं मशीन की बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर खरीदी की गई। बता दें कि
विधानसभा के पिछले सत्र में यह मामला उठा था। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने गंभीरता से लेते हुए ईओडब्ल्यू से जांच कराने का आश्वासन दिया था। फिलहाल ईओडब्ल्यू और एसीबी धारा 409, 120बी के तहत जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
600 करोड़ रुपए का घोटाला
सीबीएमएससी के अफसरों ने दवा सप्लायरों से मिली भगत कर निर्धारित कीमत से कई गुना अधिक कीमत दवाई और उपकरणों की आपूर्ति की थी। इसके जरिए करोड़ों रुपए का फर्जीवाडा़ किया गया था। बताया जाता है कि यह घोटाला करीब 600 करोड़ रुपए का है। कांग्रेस सरकार में हुए इस घोटाले को लेकर विधान सभा में मामला उठा था। इसके बाद से ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम पूरे मामले का ब्यौरा जुटा रही थी। इसके इनपुट मिलते ही एक साथ रायपुर, दुर्ग और हरियाणा में छापामारा गया है। बता दें कि मोक्षित कार्पोरेशन दुर्ग स्थित गंजपारा निवासी शांतिलाल चोपड़ा और उनके बेटे शशांक चोपड़ा की दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की एजेंसी हैं। यह एजेंसी सरकारी मेडिकल एजेंसी को दवा सप्लाई करती है।