Ambedkar Hospital: 10 फीसदी मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं
जिन मरीजों के पास आयुष्मान योजना का कार्ड होता है, उन्हें ओपीडी में भी एमआरआई व सीटी स्कैन जांच फ्री में कराने की सुविधा है। ये सुविधा अभी केवल आंबेडकर अस्पताल में ही है। महंगी जांच के कारण जांच का पैकेज ओपीडी के लिए भी लागू है, जो शुल्क लिया जा रहा है, वह सीजीएचएस रेट का आधा है। यह नियम लागू होने से मरीजों को बड़ी राहत मिल रही है। जांच में रेेडियो डायग्नोस्टिक व विभिन्न लैब में ब्लड की जांच शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती करीब 10 फीसदी मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं होता। इसमें स्थानीय व दूसरे राज्यों के मरीज होते हैं। अब उन्हें आधा शुल्क ही देना पड़ रहा है। नेहरू मेडिकल कॉलेज में हुई ऑटोनॉमस कमेटी की बैठक के बाद अस्पताल प्रबंधन ने सभी एचओडी, अकाउंट, कैश व आयुष्मान शाखा को पत्र लिखकर नए निर्धारित शुल्क के अनुसार बिल बनाने को कहा है।
बिल का डिटेल बनता है वार्डों में, शुल्क काफी कम इसलिए राहत
दरअसल, मरीजों के बिल का डिटेल वार्डों में बनता है। यह डिस्चार्ज होने के पहले प्रभारी स्टाफ नर्स बनाती हैं। कोई बिल है तो बिलिंग शाखा में कैश पटाना होता है। सबसे आखिर में सेंट्रल डिस्चार्ज काउंटर से मरीज का डिस्चार्ज हो जाता है। अस्पताल प्रबंधन ने सभी एचओडी व अन्य शाखा को भेजे पत्र में कहा है कि प्रदेश के कई मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं होता। ऐसे में उनके इलाज में परेशानी होती है। ऐसे ही दूसरे प्रदेश के मरीजों को
आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिलता इसलिए उन्हें कैश देकर इलाज कराना पड़ता है। शुल्क निर्धारित नहीं होने के कारण इलाज में दिक्कतें होती हैं। विवाद की स्थिति भी बनती है। इसलिए ऑटोनॉमस के अनुसार सीजीएचएस रेट लागू किया गया है, जिससे मरीजों की परेशानी दूर होगी।
दूसरे राज्यों के मरीजों को लाभ नहीं, पेमेंट में दिक्कत
Ambedkar Hospital: दूसरे प्रदेश के मरीजों को आंबेडकर समेत दूसरे सरकारी व निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिलता। क्योंकि इलाज के क्लेम का पैसा स्टेट नोडल एजेंसी के माध्यम से मिलता है। यानी ये प्रदेश सरकार के अधीन है। ओडिशा या मध्यप्रदेश के मरीज का फ्री इलाज नहीं हो सकता, क्योंकि क्लेम का भुगतान मध्यप्रदेश व ओडिशा सरकार को करना होगा। ऐसे भुगतान के लिए प्रदेश व दूसरे राज्यों के सरकार के बीच कोई एमओयू नहीं हुआ है, इसलिए फ्री इलाज में परेशानी हो रही है। जबकि राजधानी समेत प्रदेश के ज्यादातर निजी अस्पतालों में ओडिशा की बीजू स्वास्थ्य योजना से ओडिशा के मरीजों का फ्री इलाज हो रहा है, क्योंकि निजी अस्पतालों का ओडिशा सरकार के साथ एमओयू हुआ है। इसलिए पेमेंट में भी कोई परेशानी नहीं है।