इसलिए एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत स्कूल में पढ़ने के वाले स्टूडेंट्स को भी इससे जोड़ रहे हैं। इसमें वे अपनी मां के साथ पौधा लगाएंगे ताकि पौधे के साथ उनकी भावनाएं भी जुुड़ी रहे। पौधे के बढ़ने तक उसकी देखरेख भी करेंगे। जिले में 4 लाख 76 हजार पौधे लगाने का टारगेट है। इसमें छात्रों के फाइनल
प्रैक्टिकल में नंबर भी दिए जाएंगे। यह काम अलग-अलग विभाग के साथ समन्वय करते हुए किया जाएगा। इसके लिए अभी मीटिंग की जा रही है।
डीईओ हिमांशु भारती ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत सभी विषय में प्रैक्टिकल और व्यावहारिकता पर जोर दिया जा रहा है। विज्ञान की तरह भाषा और सामाजिक विज्ञान में भी प्रोजेक्ट को जोड़ दिया गया है। कुल 100 अंक में से 30 अंकों की प्रैक्टिकल परीक्षा होगी। पौधरोपण के भी नंबर छात्र-छात्राओं को दिए जाएंगे। जो उनके प्रैक्टिकल नंबर में जुुड़ेंगे।
पौधों की होगी जियो टैगिंग पौधरोपण के दौरान हर पौधे ही जियो टैगिंग भी होगी। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी फोटो, वीडियो या अन्य डिजिटल मीडिया में उस स्थान का भौगोलिक डेटा जोड़ा जाता है। यह डेटा उस मीडिया को एक विशिष्ट स्थान से जोड़ता है, जिससे उस स्थान से संबंधित जानकारी को खोजना या उस स्थान को किसी विशिष्ट स्थान से जोड़ने वाले अन्य मीडिया को खोजना आसान हो जाता है।
मां संग पौधे लगाने की जरूरत स्कूल के हर स्टूडेंट्स को एक-एक पौधा दिया जाएगा। स्टूडेंट्स को जो पौधा मिलेगा उसे लगाते हुए स्टूडेंट्स को सेल्फी लेकर फोटो शेयर करना होगा। जिसमें स्टूडेंट्स के साथ उनकी मां भी होनी चाहिए। साथ ही पौधे के विकास को लेकर मॉनिटरिंग भी की जाएगी ताकि पौधा सही तरीके से पनप सकें। स्टूडेंट्स कहीं भी पौधा लगा सकता है। घर में जगह हो तो वहां भी लगा सकता है। इसके लिए सरकारी जमीन पर समन्वय कर भी पौधरोपण किया जाएगा।