कार्रवाई नहीं होने के पीछे इंजेक्शन का सप्लायर बताया जा रहा है। सप्लायर सीजीएमएससी में जीएम फाइनेंस रह चुका है। इसलिए दवा कॉर्पोरेशन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। भले ही हार्ट के मरीजों की जान जोखिम में चला जाए।
CGMSC News: घटिया हार्ट इंजेक्शन का मामला
इंजेक्शन घटिया निकलने के बाद भी
अस्पताल से न स्टॉक वापस मंगाया गया है, न कोई निर्देश जारी किया गया। प्रोटामिन इंजेक्शन को लगाने के बाद 1 से 2 मिनट में खून सामान्य हो जाना चाहिए, लेकिन 20 से 25 मिनट लग रहा है।
‘पत्रिका’ ने 25 मई को अब खून गाढ़ा करने वाला इंजेक्शन घटिया निकला शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। यह इंजेक्शन नासिक की वाइटल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड में बना है। बैच नंबर वी 24133, मैनुफैक्चर डेट जून 2024 व एक्सपायरी डेट मई 2026 है। इसका उपयोग ओपन हार्ट सर्जरी के बाद मरीजों का खून सामान्य या गाढ़ा करने के लिए किया जाता है।
हिपेरिन की निर्माता कंपनी के खिलाफ हो चुकी है कार्रवाई
ओपन हार्ट सर्जरी के पहले खून पतला करने के लिए हिपेरिन इंजेक्शन लगाया जाता है। ताकि सर्जरी में आसानी हो और थक्का जमने की संभावना कम रहे। इस मामले में वड़ोदरा की निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। रेट कांट्रेक्ट खत्म कर दिया था। इससे दवा कॉर्पोरेशन पर यह विश्वास गया था कि घटिया सप्लाई पर कार्रवाई होती है, लेकिन प्रोटामिन के मामले में ऐसा नहीं हो रहा है।
क्वालिटी सर्वोपरि
सीजीएमएससी एमडी पद्मिनी भोई साहू ने कहा की अगर प्रोटामिन सल्फेट इंजेक्शन घटिया निकला है तो कार्रवाई की जाएगी। हमारे लिए क्वालिटी सर्वोपरि है।