चुनाव के लिए 508 करोड़ देने की बात सामने आई
2023 के दौरान रायपुर के तेलीबांधा में कार चालक असीम दास के पास 5 करोड़ कैश बरामद होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। ईडी को मामले की जांच के दौरान विधानसभा चुनाव के लिए 508 करोड़ रुपए देने की बात सामने आई थी। इसकी जांच ईडी कर रही है। महादेव सट्टा के लगातार बढ़ रहे सिंडीकेट को देखते हुए ईओडब्ल्यू ने मामले को जांच में लिया था, लेकिन राज्य सरकार के निर्देश पर बाद में इसे सीबीआई को सौंपा गया है। बता दें कि महादेव सट्टा मामले में पहली एफआईआर 31 मार्च 2022 को भिलाई स्थित मोहन नगर थाना में की गई थी।
जांच सीबीआई के हवाले
छत्तीसगढ़ सरकार ने अगस्त 2024 में महादेव बेटिंग एप घोटाले की जांच आधिकारिक तौर पर सीबीआई को सौंपा गया है। वहीं, ईडी ने जनवरी 2023 में पूरे मामले की जांच शुरू की थी। बाद इसका जिम्मा एसीबी और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को भी सौंप दिया गया था। इस साल लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले एसीबी द्वारा दायर चार्जशीट में भूपेश बघेल को आरोपी बनाया गया था। भूपेश बघेल के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं, कई अन्य भी आरोपी बनाए गए थे।
अब तक 300 से ज्यादा गिरफ्तारी, 3,000 अकाउंट ब्लॉक
छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा के 70 से ज्यादा प्रकरणों में 300 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। साथ ही रकम के ट्रांजेक्शन करने खोले गए 3,000 से ज्यादा खातों को ब्लाक कराया गया है। उक्त खातों से करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ था। उक्त खातों के जरिए रकम कई स्तरों से दुबई स्थित सट्टा किंग सौरभ चंद्राकर के पास पहुंचता था। यह खुलासा दुर्ग से 2022 में पकडे़ गए दुर्ग के आलोक सिंह, खड्ग सिंह और रामप्रवेश साहू से मिली थी।
विदेश से कारोबार
महादेव सट्टा के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी को ईडी ने रायपुर के स्पेशल कोर्ट से फरार घोषित कर गिरफ्तारी वारंट जारी करवाया था। साथ ही केंद्र सरकार को पत्र लिखकर रेड कार्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था। बता दें कि सौरभ चंद्राकर ने फरवरी 2023 में संयुक्त अरब अमीरात के रास अल खैमाह में शादी की। इसके लिए करीब 200 करोड़ रुपए खर्च किए थे। अपने रिश्तेदारों और करीबी लोगों, बॉलीवुड सेलेब्रेटियों को शादी में प्रदर्शन करने के लिए करोड़ों रुपया खर्च किया गया था। सौरभ चंद्राकर छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला है। उसके पिता नगर निगम में पंप ऑपरेटर थे। सौरभ की एक जूस की दुकान भी थी। इससे पहले वह कपड़े की दुकान में काम करता था। 2019 में वो दुबई गया और अपने एक दोस्त रवि उप्पल को भी बुलाया। इसके बाद उसने महादेव एप लांच किया और धीरे-धीरे ऑनलाइन सट्टा बाजार का बड़ा नाम बन गया। महादेव सट्टा ऐप के नाम पर हर महीने करीब 600 करोड़ रुपए का काला कारोबार चलता था।