ऐसे हुआ खुलासा
एंटीकरप्शन ब्यूरो ने 20 जुलाई 2015 को मनोज सिंह ठाकुर के डीडी नगर स्थित आवास पर छापा मारा था। इस दौरान तलाशी में करोड़ो रुपए की चल-अचल संपत्तियां मिली थी। इसमें आय से अधिक 71 लाख 22771 लाख रुपए के सोना-चांदी की ज्वेलरी, नकदी रकम, वाहन, मूल्यवान दस्तावेज, बैंक में जमा रकम, बीमार पत्रक शामिल था। इसका हिसाब नहीं देने पर धारा 13 (1) ई. 13(2)
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का अपराध दर्ज किया गया था।
न्यायाधीश ने कहा- भ्रष्टाचार बहुत गहरा
विशेष न्यायाधीश ने 224 पेज के परित किए गए निर्णय में उल्लेखित किया है कि वर्तमान समय में भ्रष्टाचार गहराई तक फैल चुका है। अभियुक्त का उक्त कृत्य आपराधिक कदाचरण की श्रेणी में आता है। अनुपातहीन संपत्ति लोक सेवक के पद पर पदस्थ रहते हुए, भ्रष्ट आचरण से प्राप्त कर, आपराधिक कदाचरण किया जाना प्रमाणित पाया गया है।