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राजनीतिक दल ऐसे है, जो निर्वाचन आयोग को समय-समय पर दी जाने वाली रिपोर्ट या जानकारी नहीं दे रहे हैं। दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग के संज्ञान में यह बात आई है वर्तमान में पंजीकृत 2800 से अधिक पंजीकृत अप्रमाणित राजनीतिक दलों में से कई दल आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं। इसलिए, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एक राष्ट्रव्यापी अभ्यास किया गया जिसमें अब तक 345 ऐसे दलों की पहचान की गई है। यह सुनिश्चित करने किसी भी दल को अनुचित रूप से डीलिस्ट न किया जाए।
सुनवाई के लिए मिलेगा एक मौका भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेशों के मुय निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश कर दिया। ऐसे दलों को पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद, इन दलों को संबंधित सीईओ द्वारा सुनवाई का अवसर दिया जाएगा। इसके बाद डीलिस्ट करने का अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाएगा।