दोनों ने कर्ज के नाम पर अवैध वसूली करने के लिए विस्टो फाइनेंस के नाम से एक ग्रुप बनाया था। इसमें वसूली की राशि का रोज हिसाब किताब होता था। बंटी वसूली मैनेजर के तौर पर काम करता था। जो लोग पैसा नहीं देते थे, उन्हें वीरेंद्र और रोहित धमकाता था। पकड़े गए आरोपियों के पास वसूली के करोड़ों रुपए का हिसाब-किताब मिला है।
CG News: अब तक 6 चढ़े पुलिस के हत्थे
पुलिस ने इस मामले में अब तक वीरेंद्र की पत्नी शुभ्रा, भतीजा दिव्यांश सहित 6
आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वीरेंद्र और रोहित फरार हैं। उल्लेखनीय है कि दोनों के खिलाफ कर्ज एक्ट, आर्स एक्ट के अलावा जबरदस्ती जमीन हथियाने, कर्ज के नाम पर अवैध वसूली करने, संगठित अपराध का मामला दर्ज है। इसके बाद से दोनों भाई भूमिगत हैं। दोनों उत्तर प्रदेश में छुपे हैं। पुलिस आरोपियों को पकड़ नहीं पाई है।
जमीन-वाहन के पेपर रखवाते थे पहले
पुलिस के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित का सूदखोरी का बड़ा कारोबार है। जरूरतमंदों लोगों को उधार देकर उनकी जमीन, वाहन, मकान के पेपर रखवा लेते थे। उनसे कोरे स्टाप, ब्लैंक चेक आदि ले लेते थे। जब कर्जदार एक महीना भी ब्याज नहीं दे पाता था, तब उससे रोज की वसूली करते थे और ब्याज दर भी अधिक कर देते थे। ब्याज नहीं चुका पाने पर कई लोगों से उनके मकान, जमीन और वाहन तक हड़प लेते थे। बंटी सहारे, जितेंद्र अपने अन्य साथियों के साथ वीरेंद्र के लिए वसूली करते थे। वीरेंद्र के कई गुर्गें अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े हैं।
मकान की नापजोख, अब तक कार्रवाई नहीं
पिछले दिनों नगर निगम की टीम ने
हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र के भाठागांव स्थित मकान सांई विला की नापजोख की थी। मकान के दस्तावेजों की जांच की थी। सूत्रों के मुताबिक मकान भवन अनुज्ञा के अनुरूप नहीं बना है। इस कारण नगर निगम मकान के कुछ हिस्सों को तोड़ने वाला है, लेकिन अभी तक नगर निगम ने कार्रवाई नहीं की है।