भगवान भरोसे मरीजों को ब्लड चढ़ाया जा रहा है
निजी व सरकारी ब्लड बैंकों में ब्लड की क्वालिटी की जांच के लिए ड्रग विभाग को हर तीन से छह माह में जांच करनी है, लेकिन ये भी नहीं हो पा रहा है। जैसे एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, सी, सिफलिस बीमारी होने पर उनका ब्लड मरीजों को नहीं दिया जा सकता। कुछ सरकारी व निजी बैंकों में इसकी जांच की सुविधा भी नहीं है। ऐसे में भगवान भरोसे मरीजों को ब्लड चढ़ाया जा रहा है। कई बार दूषित ब्लड चढ़ने से मरीज बीमार हो जाता है। ऐसे केस में एचआईवी के मरीज भी शामिल हैं।तेज रफ्तार कार ने मासूम को मारी टक्कर, फिर इलाज के बहाने 20 घंटे शव को लेकर घूमते रहे आरोपी, पुलिस ने पकड़ा
राजधानी में 20 से ज्यादा ब्लड बैंक, इसमें सरकारी दो ही
राजधानी में 20 के करीब ब्लड बैंक है, जबकि प्रदेश में 120 के आसपास है। आंबेडकर अस्पताल व दूसरा रेडक्रॉस सोसाइटी का डीकेएस परिसर में स्थित है। आंबेडकर के मरीजों को अस्पताल के ब्लड बैंक से ब्लड दिया जाता है। किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ब्लड नहीं दिया जाता। जबकि रेडक्रॉस में डीकेएस समेत किसी भी निजी व सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए उपलब्धता के अनुसार ब्लड दिया जा रहा है।डोनेशन के फायदे
दिल के दौरे का खतरा कम।आयरन को नियंत्रित करना।
मेंटल हैल्थ में सुधार।
कैंसर का खतरा कम।
वजन नियंत्रित करना।
ब्लड प्रेशर नियंत्रित।
रक्त कोशिकाओं का निर्माण।