मच गया हड़कंप
यह कार्रवाई राजगढ़, ब्यावरा, खिलचीपुर, सारंगपुर, नरसिंहगढ़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रूप से विकसित की गई कॉलोनियों पर की जा रही है। प्रशासन की इस कार्रवाई से अवैध प्लॉटिंग और बिना अनुमति के कॉलोनियां विकसित करने वाले कॉलोनाइजरों में हड़कंप मच गया है। लंबे समय से जिले में बगैर किसी वैधानिक अनुमति के कॉलोनियां काटी जा रही थीं, जिससे नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा था। प्रशासन ने पहले इन कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी कर सुनवाई की प्रक्रिया पूरी की और अब कठोर कदम उठाते हुए एफआइआर दर्ज करने का फैसला लिया गया है।
लोगों को नहीं मिला कब्जा
राजगढ़ जिले में कई जगहों पर कॉलोनाइजरों ने बिना डायवर्सन, बिना टीएनसी परमिशन और बिना वैध दस्तावेजों के प्लॉट बेचे। इससे वहां बसने वाले लोगों को बिजली, पानी, सड़क और सीवरेज जैसी आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। कई कॉलोनियों में तो प्लॉट खरीदने के बावजूद लोगों को आज तक कब्जा नहीं मिला। जांच के दौरान प्रशासन ने पाया कि कुछ कॉलोनाइजरों ने किसानों से सस्ते दाम पर जमीन खरीदकर अवैध रूप से प्लॉटिंग कर बेची, लेकिन कोई विकास कार्य नहीं कराया। इस कारण खरीदारों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
प्रभावितों की समस्याएं
इन अवैध कॉलोनियों में रहने वाले सैकड़ों लोगों को मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने अपनी जीवनभर की जमा पूंजी लगाकर प्लॉट खरीदे, लेकिन अब वे ठगे हुए महसूस कर रहे हैं। ये भी पढ़ें: ‘टोल प्लाजा’ पर नहीं रोकेंगे टोलकर्मी, अपने आप खुलेगा गेट प्रशासन ने नागरिकों को दी चेतावनी
राजगढ़ प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे प्लॉट खरीदने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें। किसी भी कॉलोनी में निवेश करने से पहले टीएनसी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) की अनुमति, डायवर्सन प्रमाणपत्र और वैध दस्तावेजों की जांच अनिवार्य रूप से करें।
यदि कोई व्यक्ति बिना वैध दस्तावेजों की कॉलोनी में प्लॉट खरीदता है, तो भविष्य में उसे परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध कॉलोनियों को नियमित नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों में खरीदारों को कोई कानूनी संरक्षण नहीं मिलेगा।
इन क्षेत्रों की कॉलोनियां जांच के दायरे में
अवैध प्लॉटिंग को लेकर प्रशासन की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। जिन 27 कॉलोनाइजरों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं, वे राजगढ़, ब्यावरा, सारंगपुर, खिलचीपुर, नरसिंहगढ़, छापीहेड़ा, कुरावर, पचोर और जीरापुर सहित कई अन्य क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अब जिले में बिना अनुमति के कॉलोनियां विकसित करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
क्या होगा आगे ?
प्रशासन अवैध कॉलोनियों की लगातार निगरानी करेगा और किसी भी नए अवैध निर्माण को रोकेगा। एफआइआर दर्ज होने के बाद कॉलोनाइजरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें संपत्तियों को जब्त करने और आर्थिक दंड लगाने जैसी सत सजा हो सकती है। भविष्य में किसी भी नई कॉलोनी के निर्माण के लिए सत नियम लागू किए जाएंगे ताकि इस तरह की समस्या दोबारा न हो।