राजगढ़ एसपी आइपीएस आदित्य मिश्रा ने कथा में मौजूद ग्रामीणों से अपील की कि वे चोरों का विरोध करें, साफ कह दें कि हमारे गांव में चोरी नहीं चलेगी। ऐसा होने पर पुलिस को सूचना दें। एसपी ने अपराध के खिलाफ सख्त संदेश देते कहा कि कहा “मैं आपके साथ खड़ा हूं। अगर सूचना देने पर किसी को धमकी मिलेगी तो आखिरी पंचायत मैं खुद करूंगा।
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अपराधियों के परिवारों की परेशानियों का जिक्र करते हुए आइपीएस आदित्य मिश्रा ने पूछा— बच्चों को अंधकार में क्यों धकेल रहे हैं?” उन्होंने कहा- छोटे बच्चे, मां-बहनें जमानत के लिए गहने गिरवी रखती हैं, कोर्ट के चक्कर लगाती हैं। ये आपकी शांति छीन रहे हैं… क्या ऐसा जीवन सुखदायी है?
पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा रविवार को बोड़ा के कड़िया गांव में हो रही भागवत कथा सुनने पहुंचे थे। एसपी मिश्रा ने कथा के बाद अपने संबोधन में ग्रामीणों से कहा कि भगवान हनुमानजी ने रावण को चेतावनी देने लंका गए थे लेकिन रावण नहीं माना तो लंका जली। प्रशासन की ओर से मैं भी आपके सामने हनुमान बनकर आया हूं, गांव में जो लोग चोरी और अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है। उनसे मेरी अपील है, आप चोरी करना छोड़ दे और अपने परिवार को अपने बच्चों के भविष्य की सोचें।
एसपी मिश्रा ने कहा कि गांव की 80 प्रतिशत आबादी जो सही है, उनसे भी मेरा निवेदन है कि आप अपराधियों को संरक्षण न दें। जो चोरी करता है उसकी जानकारी हमें दे। अपने गांव और अपने बच्चों के भविष्य और समाज को शिक्षित करने के कदम बढ़ाएं।
कई बार पुरुष्कृत हो चुके आइपीएस मिश्रा
राजगढ़ के पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा 2018 बैच के आईपीएस हैं। वे इंदौर में पुलिस उपायुक्त पद पर भी रह चुके हैं। आइपीएस मिश्रा इससे पहले मप्र पुलिस के नक्सल विरोधी अभियान के तहत हॉक फोर्स के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) में रहे। नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष के लिए कई बार पुरुष्कृत भी हो चुके हैं। 20 जून 2022 को खराड़ी जंगल क्षेत्र में 3 इनामी नक्सली को मारने में सफलता के लिए आइपीएस आदित्य मिश्रा को राष्ट्रपति का वीरता पदक प्रदान किया गया था। एएसपी आदित्य मिश्रा के नेतृत्व में नक्सलियों की धरपकड़ और घेराबंदी कर मार गिराने के लिए उन्हें पुरुष्कृत किया गया। तब उन्हें लगातार दूसरी बार वीरता पदक मिला था।