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पहाड़ी क्षेत्र की ओर लोगों का हमेशा आना-जाना लगा रहा है, उस रास्ते को
वन विभाग ने एक सप्ताह पहले ही बंद कर दिया है। वन विभाग के कर्मचारियों ने सर्चिंग भी की। वन विभाग के अफसरों का कहना है कि 10 साल पहले तक उक्त पहाड़ पर पहले भी तेंदुआ दिखाई देते थे, चूंकि पहाड़ लम्बे क्षेत्र में फैला हुआ है।
महाराष्ट्र की सीमा से लगा है। इसलिए जंगली जानवर की चहलकदमी हमेशा सुनाई व दिखाई पड़ती है। महाराष्ट्र में अभ्यारण होने चलते वन्य प्राणियों की आवाजाही होती है। यहां गुफा व पर्याप्त जंगली सुअर होने चलते भोजन की कोई दिक्कत नहीं है, इसलिए काला तेंदुआ की चहलकदमी बनी हुई है।