गरीबों का मेवा: मूंगफली की दुकानें सजीं
मूंगफली, जिसे ‘गरीबों का मेवा’ भी कहा जाता है, इन दिनों बाजारों में खास आकर्षण का केंद्र बन गई है। सर्दी के मौसम में मूंगफली का सेवन सेहत के लिए अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। यह शरीर को गर्माहट देती है और ऊर्जा का अच्छा स्रोत भी बनती है। जैसे ही बाजार में यह ताजे दाने बिकने के लिए आते हैं, उनके चारों ओर लोग इकट्ठा हो जाते हैं।
गजक और रेवड़ी का स्वादिष्ट मौसम
गजक, तिल और गुड़ से बनी यह मिठाई न केवल स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करती है। वहीं, रेवड़ी के स्वाद से सर्दी के मौसम का मजा दोगुना हो जाता है। इसका कुरकुरापन और गुड़ की मिठास दिल को लुभाती है, और इसे खाते ही सर्दी से राहत मिलती है।
सामाजिक बदलाव और पारंपरिक स्वाद की ओर कदम
सर्दी के साथ-साथ समाज में एक बदलाव भी देखने को मिल रहा है। आजकल, जहां एक ओर मॉल्स और कैफे की दुकानें फल-फूल रही हैं, वहीं दूसरी ओर, पारंपरिक मिठाइयों के स्टॉल्स भी ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में भी सड़क किनारे सजी इन दुकानों पर लोग बढ़-चढ़कर पहुंच रहे हैं। यहां रंग-बिरंगे रेवड़ी, ताजे मूंगफली के दाने और गजक की महक से माहौल भी गुलजार हो जाता है।
दुकानदारों का उत्साह और सर्दियों का स्वागत
इन दुकानदारों का उत्साह भी खासा बढ़ गया है। एक व्यापारी का कहना था, “सर्दी के मौसम ने हमारे व्यापार में नई जान फूंक दी है। लोग अब फिर से इन पारंपरिक मिठाइयों का स्वाद लेने के लिए आते हैं और हम भी उन्हें ताजे और स्वादिष्ट उत्पाद देने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।” क्या है इन पारंपरिक मिठाइयों में खास?
- मूंगफली: सर्दी में मूंगफली खाने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है और यह ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है।
- गजक: तिल और गुड़ से बनी गजक स्वादिष्ट होने के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत भी बनाती है।
- रेवड़ी: रेवड़ी का कुरकुरापन और गुड़ की मिठास सर्दी में खासतौर पर दिल को लुभाती है।
इन पारंपरिक व्यंजनों का सेवन न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि शरीर को भी अंदर से ताजगी और गर्माहट प्रदान करता है। इस सर्दी में बाजारों में सजी इन मिठाइयों के स्टॉल्स, पुरानी परंपराओं के प्रति बढ़ते आकर्षण का स्पष्ट उदाहरण हैं।