एजेंट ने बताया कि सोसायटी में खाता खुलवाने से लेकर हर माह उपभोक्ता जो रुपए जमा करता था, उसपर भी चार प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। बेरोजगारी के इस दौर में सोसायटी से अच्छा कमीशन मिल जाता था, जिससे लोगों के खाते खुलवाए थे।
वर्ष 2018 से इस एलजेसीसी सोसायटी में रुपए जमा करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके 45 हजार रुपए जमा थे, लेकिन शाखा बंद होने से उनके रुपए नहीं मिले हैं। कंपनी कहां से संचालित हो रही इसकी जानकारी भी नहीं लग रही है।
अमजद अली, पीड़ित
हर बीस किलोमीटर में इसकी शाखाएं खुली थी, जिनमें खिमलासा, कुरवाई, बीना, मुंगावली सभी शाखा बंद हो चुकी हैं। मेरे पिता के नाम पर 71 हजार रुपए जमा है, जो सोसायटी लेकर भाग गई है।
प्रकाश सेन, पीड़ित