क्या कहा जारी आदेश में ?
जारी आदेश में कहा गया है कि यदि सार्वजनिक पेयजल स्रोत सूख जाता है और कोई वैकल्पिक सार्वजनिक पेयजल स्रोत उपलब्ध नहीं है, तो जनहित में संबंधित एसडीएम उस क्षेत्र के निजी पेयजल स्रोत को एक निश्चित अवधि के लिए अधिग्रहित करेंगे। कलेक्टर एवं डीएम बाटड ने जारी आदेश में म.प्र. पेयजल संरक्षण अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति जल स्रोतों का उपयोग कर सकेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसके तहत जल स्रोतों का इस्तेमाल पेयजल तथा घरेलू प्रयोजनों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रयोजनों के नहीं किया जाएगा। यह भी पढ़े –
छिंदवाड़ा के बदमाश इंदौर में नकली नोट छापकर भोपाल में खपाते, 5 गिरफ्तार जल स्रोतों का किया जाएगा संरक्षण
जिले के समस्त विकास खण्डों एवं नगरीय क्षेत्रों के सभी नदी, नालों, स्टापडैम, सार्वजनिक कुओं तथा अन्य जल स्रोतों का उपयोग घरेलू प्रयोजन के लिए तत्काल प्रभाव से सुरक्षित किया जाता है। कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा प्राईवेट ठेकेदार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के पूर्व अनुज्ञा प्राप्त किए बिना किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप का निर्माण नहीं करेगा। यह आदेश शासकीय नलकूप खनन पर लागू नहीं होगा। नलकूप खनन के लिए निर्धारित प्रारूप में निर्धारित शुल्क के साथ एसडीएम को आवेदन करना होगा। एसडीएम अनुमति देने के पूर्व आवश्यक जांच एवं परीक्षण करेंगे, साथ ही संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से अभिमत भी लेंगे।