वाहनों की स्थिति
- रणथम्भौर: 140 वाहन प्रति पारी
- कूनो: 160 वाहन प्रति पारी
- जिम कॉर्बेट: 170 वाहन प्रतिपारी
- महाराष्ट्र: 160 वाहन प्रति पारी
- द.भारत: कई राज्यों में लिमिट नहीं
न्यायालय का इन बिंदुओं पर फोकस
- बाघ अभयारण्यों के प्रबंधन को एक अखिल भारतीय नीति तत्काल लागू करनी चाहिए।
- वन्यजीवों के संरक्षण के विरुद्ध अवैध गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत।
- अभयारण्यों में वाहनों की संख्या सीमित हो, अंदर या आसपास अवैध निर्माण पर रोक लगाई जाए।
- बाघों की साइटिंग एक निर्धारित दूरी से ही की जाए और नियम तोड़ने पर जुर्माने का प्रावधान किया जाए।
- मेटिंग (प्रजनन काल) के दौरान वन्यजीवों की प्राकृतिक क्रियाओं में किसी तरह का व्यवधान न हो।
रणथम्भौर में लापरवाही दे रही खतरनाक हादसों को दावत; सो रहा विभाग, अब तक इतने मामले आ चुके सामने
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अनियमितताओं पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अनियमितताओं पर सुनवाई कर रही थी।अभयारण्यों में अवैध निर्माण पर मांगा जवाब
सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तराखण्ड के जिम कॉर्बेट पार्क में अवैध निर्माण पर भी चिंता जताई है। साथ ही सभी टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण को लेकर निर्देश दिए और कहा कि अवैध निर्माण वन्यजीवों का पर्यावास प्रभावित कर रहा है।सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एनटीसीए समान नीति
बाघ-बाघिनों को घेरने के मामले में शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। मैंने खुद वन विभाग तथा एनटीसीए को चिट्ठी भेजकर मामला उठाया है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एनटीसीए समान नीति बनाएगा।–हरिप्रसाद योगी, अधिवक्ता व आरटीआइ एक्टिविस्ट