जानकारी के मुताबिक, जनता कॉलोनी के निवासी सुशील शिवहरे का शनिवार को सड़क हादसे में निधन हो गया था। वह गल्ला मंडी में व्यापारी थे। हर महीने वह उज्जैन बाबा महाकाल के दर्शन करने जाते थे। इसी दौरान शनिवार को उज्जैन जाते वक्त हादसा हो गया। जिसमें उनकी मौत हो गई।
पिता ने कभी नहीं किया भेदभाव
सुशील शिवहरे की तीन बेटियां हैं, उनका कोई बेटा नहीं था। उन्होंने अपनी बेटियों को बेटे की तरह ही पाला था। बेटियों ने हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करते हुए पिता का अंतिम संस्कार किया। बेटियों ने बताया कि पापा ने कभी बेटे और बेटियों में भेदभाव नहीं किया। हमने बेटे और बेटी दोनों का फर्ज निभाने का फैसला लिया। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। अंतिम संस्कार में मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई।