15 जुलाई की शाम से लापता थे बच्चे
सिवनी एसपी सुनील कुमार मेहता ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 30 साल की महिला ने अपने दोनों बच्चों 9 साल के मयंक और 6 साल के दिव्यांश के लापता होने की गुमशुदगी दर्ज कराते हुए बताया था कि बच्चे 15 जुलाई की शाम 5 बजे से लापता है। मामले की जांच शुरू की गई तो पता चला कि एक व्यक्ति दो बच्चों को ऑटो में बैठाकर घसियारी चौक से ले गया था। जब पुलिस ने ऑटो की तलाश की और ड्राइवर से पूछताछ की तो उसने फोटो देखकर बच्चों को पहचान लिया और पुलिस को बताया कि जिस व्यक्ति के साथ ये दोनों बच्चे ऑटो में बैठे थे उसे वो मौसा कह रहे थे।
साली पर गंदी नजर रखता था जीजा
ड्राइवर के द्वारा मौसा के बारे में बताए जाने के बाद पुलिस ने तुरंत बच्चों की मां से बात की तो उसने अपनी बहन के पति भोजराम बेलवंशी पर शक जाहिर किया। जिसके आधार पर भोजराज बेलवंशी को पकड़कर पूछताछ की तो उसने वारदात को अंजाम देना कबूल किया। आरोपी भोजराज ने बताया कि वो अपनी साली को पसंद करता था लेकिन दोनों बच्चे उसके मंसूबों में रोड़ा बन रहे थे। इसलिए उसने 15 जुलाई की शाम दोनों बच्चों को साइकिल दिलाने की बात कहकर अपने साथ ले गया और अपने साथी शुभम उर्फ यश के साथ मिलकर 13 किमी दूर अंबा माई के जंगल में ले जाकर गला रेतकर मार डाला और शव पत्थर में छिपा दिए। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर बच्चों के शव बरामद किए।