वाहनों में बढ़ रही टूट-फूट
दो पहिया वाहन मैकेनिक दिनेश रस्तोगी, उस्लाम अहमद ने बताया कि जर्जर सडक़, स्पीड ब्रेकर से वाहनों को अधिक क्षति पहुंच रही है। बेमानक बने गति अवरोधक वाहनों को समय से पहले खराब कर रहे हैं। गली-मोहल्ले में ऊंचे ब्रेकर से वाहनों के शॉकअप, क्लच प्लेट और बॉडी सहित अन्य सामान में खराबी आ रही है। वहीं बार-बार ब्रेक लगाने व गियर बदलने से पेट्रोल की खपत भी अधिक होती है।
दो पहिया वाहन मैकेनिक दिनेश रस्तोगी, उस्लाम अहमद ने बताया कि जर्जर सडक़, स्पीड ब्रेकर से वाहनों को अधिक क्षति पहुंच रही है। बेमानक बने गति अवरोधक वाहनों को समय से पहले खराब कर रहे हैं। गली-मोहल्ले में ऊंचे ब्रेकर से वाहनों के शॉकअप, क्लच प्लेट और बॉडी सहित अन्य सामान में खराबी आ रही है। वहीं बार-बार ब्रेक लगाने व गियर बदलने से पेट्रोल की खपत भी अधिक होती है।
जम्प अधिक न लगे, ऐसे हों ब्रेकर
विशेषज्ञों का कहना है कि शहर की सडक़ों पर स्पीड ब्रेकर ऐसे होना चाहिए कि वाहन चालक को जम्प अधिक नहीं लगे और वह आसानी से वाहन चला सके। रोड सेफ्टी के हिसाब से ही स्पीड ब्रेकर लगाए जाने चाहिए। गली-मोहल्ले में स्पीड ब्रेकर नहीं लगाए जा सकते हैं। रोड सेफ्टी एक्ट के हिसाब से ही नपा व पीडब्ल्यूडी को स्पीड ब्रेकर बनाना चाहिए। यदि जगह-जगह स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं तो यह गलत है। स्पीड ब्रेकर से कोई घायल, स्पाइनल इंज्युरी, सर्वाइकल व स्पांडिलाइटिस का शिकार होता है तो वह अवकृत विधि में मामला दर्ज करा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि शहर की सडक़ों पर स्पीड ब्रेकर ऐसे होना चाहिए कि वाहन चालक को जम्प अधिक नहीं लगे और वह आसानी से वाहन चला सके। रोड सेफ्टी के हिसाब से ही स्पीड ब्रेकर लगाए जाने चाहिए। गली-मोहल्ले में स्पीड ब्रेकर नहीं लगाए जा सकते हैं। रोड सेफ्टी एक्ट के हिसाब से ही नपा व पीडब्ल्यूडी को स्पीड ब्रेकर बनाना चाहिए। यदि जगह-जगह स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं तो यह गलत है। स्पीड ब्रेकर से कोई घायल, स्पाइनल इंज्युरी, सर्वाइकल व स्पांडिलाइटिस का शिकार होता है तो वह अवकृत विधि में मामला दर्ज करा सकता है।
मानक विपरीत स्पीड ब्रेकर से दिक्कत
रोड सेफ्टी के तहत स्पीड ब्रेकर बनाने के लिए नियम और मानक तय किए गए हैं। इसके अनुसार स्पीड ब्रेकर की चौड़ाई 12 इंच और ऊंचाई अधिकतम 6 इंच होनी चाहिए। स्पीड ब्रेकर के दोनों किनारे शून्य डिग्री पर होने चाहिए। स्पीड ब्रेकर काले.पीले रंग से पुते हों और 20 फीट पहले ही उसका संकेतक होना चाहिए।
- वाहन पर सवार व्यक्ति के शरीर और हड्डियों पर पड़ता है प्रभाव।
- स्पांडिलाइटिस, स्लिप डिस्क का खतरा बढ़ जाता है।
- ब्रेकर से रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है विपरीत प्रभाव।
- गर्भवती को सबसे अधिक दिक्कत होती है।
-ऊंचे स्पीड ब्रेकर वाहनों को झटका देकर उछाल देते हैं, इससे चालक की कमर पर जोर पड़ता है। - झटकों से गर्दन में खिंचाव, स्पाइनल इंज्युरी, सर्वाइकल स्पॉंडिलाइटिस बीमारी हो रही है।
रोड सेफ्टी के तहत स्पीड ब्रेकर बनाने के लिए नियम और मानक तय किए गए हैं। इसके अनुसार स्पीड ब्रेकर की चौड़ाई 12 इंच और ऊंचाई अधिकतम 6 इंच होनी चाहिए। स्पीड ब्रेकर के दोनों किनारे शून्य डिग्री पर होने चाहिए। स्पीड ब्रेकर काले.पीले रंग से पुते हों और 20 फीट पहले ही उसका संकेतक होना चाहिए।
इनका कहना है…
जर्जर सडक़ों व बिना मानक के स्पीड ब्रेकर बनाए जाने से काफी असर पड़ता है। कई मरीज ऐसे आते हैं जो यह बताते हैं कि ब्रेकर से गुजरते वक्त गिर जाने से सिर में चोट लग गई। स्पाइनल इंज्युरी, सर्वाइकल व स्पांडिलाइटिस के मरीज बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में काफी संख्या में मरीज आ रहे हैं। स्पीड ब्रेकर बनाते समय नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
डॉ. एसके सरोठिया, हड्डी रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल
जर्जर सडक़ों व बिना मानक के स्पीड ब्रेकर बनाए जाने से काफी असर पड़ता है। कई मरीज ऐसे आते हैं जो यह बताते हैं कि ब्रेकर से गुजरते वक्त गिर जाने से सिर में चोट लग गई। स्पाइनल इंज्युरी, सर्वाइकल व स्पांडिलाइटिस के मरीज बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में काफी संख्या में मरीज आ रहे हैं। स्पीड ब्रेकर बनाते समय नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
डॉ. एसके सरोठिया, हड्डी रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल