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खाद पहुंचते ही लग जाती है कतार, डीएपी ही मांग रहे किसान, समितियों के पास नहीं स्टॉक

दो से तीन दिन खाद के लिए करना पड़ रहा इंतजार, यूरिया, एनपीके व टीएसपी में रुचि नहीं

शाहडोलNov 30, 2024 / 11:48 am

Kamlesh Rajak

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दो से तीन दिन खाद के लिए करना पड़ रहा इंतजार, यूरिया, एनपीके व टीएसपी में रुचि नहीं
शहडोल. रबी बोनी को लेकर किसान परेशान हैं। धान कटाई के बाद अब वह पूरी लगन से गेहूं के साथ दलहन और तिलहन की बोनी के लिए खेत तैयार करने के साथ ही खाद बीज के लिए सहकारी समितियों में पहुंच रहे हैं। खाद को लेकर चल रही समस्या को देखते हुए किसान सुबह-सुबह ही समिति पहुंच जा रहे हैं। इसके बाद भी उन्हे कई समितियों से निराश होकर लौटना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि समितियों में पर्याप्त स्टॉक न होने की वजह से किसानों को परेशानी हो रही है। दुकानों में खाद की खेप आती है और देखते ही देखते खत्म भी हो जा रही है। वर्तमान में सबसे ज्यादा किसान डीएपी खाद की मांग कर रहे हैं, लेकिन डीएपी की आवक कम होने की वजह से पर्याप्त मात्रा में किसानों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है। किसान इसके विकल्प के रूप में एनपीके और नैनो डीएपी को अपनाने तैयार नहीं हैं।
ऋणी किसानों को दे रहे, बढ़ रहा दबाव
सोहागपुर स्थित आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में डीएपी खाद उपलब्ध है, लेकिन यहां से सिर्फ ऋणी किसानों को ही खाद उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा अन्य स्थानों से खाद न मिलने पर यहां दबाव ज्यादा बढ़ जा रहा है। बताया जा रहा है कि सोहागपुर सेवा सहकारी समिति में 400 सदस्य हैं, इन्हीं को खाद उपलब्ध कराई जानी है। ऐसे में नगद खाद लेने आने वाले किसानों को यहां से लौटना पड़ रहा है। इधर गंज और नसरसरहा में पर्याप्त स्टॉक के अभाव में भी खाद उपलब्ध कराना कठिन हो रहा है।
विकल्पों पर किसान को भरोसा नहीं
सहकारी समिति संचालकों की माने तो यूरिया, एनपीके, नैनो डीएपी व जीएसपी का स्टॉक समितियों में उपलब्ध है। किसानों को समझाइश भी दी जा रही है कि डीएपी से कहीं बेहतर एनपीके है, साथ ही डीएपी से सस्ती भी है। इसके बाद भी किसान डीएपी की ही मांग कर रहे हैं। मांग के अनुरूप जिले की किसी भी सहकारी समिति में डीएपी का स्टॉक उपलब्ध नहीं है। किसान डीएपी की खेप आने का इंतजार करते हैं और वाहन के आते ही समिति के बाहर कतार लगाकर खड़े हो जा रहे हैं।
दो दिन बाद आई खेप, लौट गए कई किसान
नगर के गंज स्थित सहकारी समिति की दुकान में दो दिन पूर्व 200 बोरी खाद आई थी। खाद आने की सूचना मिलते ही दूसरे दिन सुबह से कतार लग गई और देखेते ही देखते पूरी खाद बिक गई। इसके बाद शुक्रवार को फिर से लगभग 200 बोरी यूरिया आई है, वहीं दोपहर बाद डीएपी की खेप आने की बात दुकान संचालक ने बताई है। बताया जा रहा है कि दो से तीन दिन गैप कर डीएपी उपलब्ध कराई जा रही है। इससे किसानों को समितियों से लौटना पड़ रहा है।
शुक्रवार की सुबह गंज स्थित सहकारी समिति की दुकान पहुंचे केलमनिया के किसान ने बताया कि वह दो दिन से खाद के लिए आ रहे हैं। डीएपी और यूरिया दोनों ही नहीं मिल पा रही है। आज सुबह से आकर पता कर रहे हैं, अभी खाद नहीं आई है। यहां से जा रहे हैं नरसरहा पता करने।
केलमनिया निवासी किसान बिरसन लाल जैसवाल ने बताया कि गुरुवार की सुबह 10 बजे आए थे, लेकिन खाद न मिलने की वजह से लौट गए थे। आज सुबह 8 बजे यहां आ गए हैं, लेकिन आज भी यहां खाद नहीं आई है। अब नरसरहा समिति में पता करेंगे, नहीं मिलेगी तो फिर से खाली हाथ लौटना पड़ेगा।
इनका कहना
डीएपी के अलावा अन्य खादों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। किसान डीएपी की जगह एनपीके का उपयोग कर सकते हैं। जैसे-जैसे डीएपी उपलब्ध हो रही है हम उसकी आपूृर्ति कर रहे हैं। कहीं भी क्राइसिस की स्थिति निर्मित नहीं हो रही है।
आरपी झारिया, उप संचालक कृषि

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