श्योपुर को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मिली सौगातें
प्रदेश सरकार के इस बार के बजट में श्योपुर जिले को कई विकास परियोजनाओं का लाभ मिला है। सरकार ने श्योपुर जिला मुख्यालय पर 50 बिस्तरों का आयुर्वेदिक अस्पताल खोलने की घोषणा की है, जिससे विभिन्न बीमारियों का आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार हो सकेगा। इसके अलावा, बजट में विजयपुर विकासखंड में क्वारी नदी पर चेंटीखेड़ा बांध परियोजना के लिए 90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, कुछ अन्य योजनाओं में भी श्योपुर को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलने की उम्मीद है।
पुलिस लाइन के पास होगी सुविधा
बजट में घोषित आयुर्वेदिक चिकित्सालय के लिए अभी राशि का प्रावधान नहीं हुआ है, लेकिन इसके लिए पहले से ही 6 एकड़ जमीन आवंटित की जा चुकी है। यह भूमि शहर में पुलिस लाइन के पीछे स्थित है। आयुष विभाग के अनुसार, पहले चरण में 50 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया जाएगा। इसके बाद, दूसरे चरण में आयुर्वेदिक महाविद्यालय भी स्थापित किया जाएगा। फिलहाल जिले में 18 आयुष औषधालय संचालित हैं, लेकिन इनमें डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। चेंटीखेड़ा बांध परियोजना से सिंचाई को मिलेगी रफ्तार
प्रदेश सरकार ने बजट में सिंचाई परियोजनाओं के लिए भी प्रावधान किया है। इसमें विजयपुर विकासखंड में क्वारी नदी पर चेंटीखेड़ा सिंचाई परियोजना के लिए 90 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। हालांकि, इस परियोजना की कुल लागत 500 करोड़ रुपये है, लेकिन बजट में प्रावधान होने से इस साल काम शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना से विजयपुर और सबलगढ़ क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों के किसानों को सिंचाई का लाभ मिलेगा। हालांकि, वन विभाग की एनओसी अभी लंबित है, लेकिन अब प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है।
श्योपुर को बजट में अन्य लाभ भी
- जिला विकास सलाहकार समिति का गठन: इससे स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों की योजना बनाई जा सकेगी।
- सीएम युवा शक्ति योजना: हर विधानसभा क्षेत्र में सर्वसुविधायुक्त खेल स्टेडियम विकसित किए जाएंगे। इससे श्योपुर और विजयपुर के स्टेडियमों की सूरत बदलने की उम्मीद है।
- मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना: जिले के दूरस्थ गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जाएगा। जिले में 247 बसाहटें अब भी सड़क सुविधा से वंचित हैं।
- मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा: ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी बसें चलाई जाएंगी। श्योपुर जिले के कई ऐसे मार्ग हैं, जहां आवागमन के साधन नहीं हैं, ऐसे में यह योजना मील का पत्थर साबित हो सकती है।