सिद्धार्थनगर के 17 लोग फंसे
जानकारी के मुताबिक सिद्धार्थनगर जिले के हल्लौर कस्बे के 17 लोगों में से कुछ धार्मिक शिक्षा के लिए ईरान गए थे, जबकि कुछ जियारत के लिए गए थे। हालांकि, ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जैसे हालात और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के रद्द होने के कारण सभी लोग भारत वापस नहीं लौट सके हैं। इससे उनके परिजनों की चिंता लगातार बढ़ रही है। परिजनों का कहना है कि भले ही उन लोगों के ठहरने वाले इलाकों में कोई हमला नहीं हुआ हो, लेकिन वहां अनिश्चित स्थिति बनी हुई है। सिद्धार्थनगर के रहने वाले हसन अब्बास का बेटा ईरान में तालिम हासिल करने गया था। मीडिया से बातचीत में हसन ने कहा, “मेरा बेटा ईरान में तालिम हासिल करने गया था। वहां जंग के हालात होने से हम चिंतित हैं। बेटे से हमारी बात हुई है। उसने बताया कि फिलहाल वो जहां है, वहां हालात खराब नहीं हैं। आने वाले समय में क्या होगा, इसका हम अंदाजा नहीं लगा सकते हैं।”
परिजनों के लिए परेशान हैं घरवाले
हसन ने सरकार से अपील करते हुए कहा, “हमारी सरकार बातचीत के जरिए इस मसले का हल करे और हमारे बच्चों को सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था करे।” सिद्धार्थनगर के रहने वाले फजल अब्बास ने बताया कि उसका बड़ा भाई 3 साल से ईरान में है। उसकी भाभी 6 महीने पहले वहां गई थीं। उसके मामा और उनका परिवार ईरान में धार्मिक यात्रा पर गया था। अपनी चिंता जाहिर करते हुए फजल ने कहा कि हमें सभी लोगों की फिक्र है। मेरे मामा और उनकी फैमिली को 13 जून को वापस आना था, लेकिन वो आ नहीं पा रहे हैं। भाई ने 24 जून को आने की बात कही थी। हालाकि ‘ऑपरेशन सिंधु’ से परिजनों को उम्मीद जगी है।