scriptSikar News: मावठ से मिली राहत, राजस्थान के सीकर में इतना सस्ता हो गया चारा, 1 लाख लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी | Due to Mawath, animal fodder became cheaper in Sikar, Rajasthan | Patrika News
सीकर

Sikar News: मावठ से मिली राहत, राजस्थान के सीकर में इतना सस्ता हो गया चारा, 1 लाख लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी

Sikar News: सीकर जिले में पशुचारे का कारोबार करने वाले लोगों ने बताया कि भाव कम होने के कारण पशुपालक भी पशु चारे की खरीदारी सहित उसका भंडार करने में तेजी से जुट गए हैं।

सीकरJan 04, 2025 / 09:38 am

Rakesh Mishra

animal fodder in Rajasthan
पशुपालन के जरिए आजीविका कमाने वाले पशुपालकों के लिए राहत की खबर है। राजस्थान के सीकर जिले में सर्दी के सीजन में मावठ बाद गिर रही ओस के कारण फसलों का रंग बदल गया और अच्छी बढ़वार हो रही है। हाल यह है कि महज पन्द्रह दिन में प्रति क्विंटल चारे के भाव में पचास से साठ रुपए की गिरावट आ गई है।
किसानों की मानें तो प्राकृतिक रूप से फसलों को ओस रूपी पानी मिल रहा है, जिससे न केवल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। वहीं पिछले साल की तुलना में इस साल चारे के भाव भी कम रहने के आसार हैं। सब कुछ ठीक रहा बंपर उत्पादन मिला तो इसका असर आगामी दिनों में रोजमर्रा की जरूरत का दूध और दूध से बने उत्पादों के भावों पर पड़ेगा।
सीकर जिले में पशुचारे का कारोबार करने वाले लोगों ने बताया कि भाव कम होने के कारण पशुपालक भी पशु चारे की खरीदारी सहित उसका भंडार करने में तेजी से जुट गए हैं। पशुचारा के कारोबारियों के अनुसार पिछले साल सर्दी के सीजन में चारे के औसत भाव छह सौ रुपए क्विंटल थे। जो अब साढ़े पांच सौ रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं।

एक लाख लोग लाभान्वित

पशु चिकित्सकों के अनुसार पिछली पशुगणना के अनुसार जिले में गाय व भैंसों की संख्या करीब नौ लाख से ज्यादा है। एक मवेशी 10 किलो तक चारा खाता है। जिले में रोजाना 90 हजार क्विंटल से ज्यादा चारे की जरूरत है। पशुपालन व्यवसाय से करीब एक लाख लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। जिले में रोजाना औसतन पांच लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है। एक दर्जन से ज्यादा निजी स्तर पर बड़े दुग्ध संग्रहण केन्द्र बने हुए हैं।

मावठ से मिली संजीवनी

पशुपालन और चारा व्यवसाय से जुड़े लोगों के अनुसार पिछले साल पशु चारे के बढ़ते दामों ने पशुपालकों की कमर तोड़ दी थी। हाल यह हो गया था कि पशुओं का चारे का भाव आसमान छू जाने के कारण पशुपालकों का पशु पालन करना मुश्किल हो गया था। ऐसे में मावठ के बाद खेतों में नमी बढ़ गई।
सबसे ज्यादा असर गेहूं की फसल पर पड़ा है। ऐसे में किसानों में बेहतर उत्पादन की आस जगी है। हालांकि पिछले दिनों हरियाणा, पंजाब में मावठ की बारिश में भीगने से चावल का चारा अधिकांश जगह नष्ट हो गया। ऐसे में वहां से चारा आने की आवक कम हो गई है। जिससे स्थानीय स्तर पर पशुचारा का स्टॉक बढ़ने लगा है।

इनका कहना है

मावठ के बाद फसलों की अच्छी बढ़वार हो रही है। जिससे पचास रुपए प्रति क्विंटल तक चारे के भाव कम हुए हैं। वहीं हरियाणा व पंजाब की तूडी की नाममात्र की आपूर्ति हो रही है। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में पशुचारे के भावों में गिरावट आएगी।
शिशुपाल सिंह खरबास, पशुपालक व पशु चारा विक्रेता

Hindi News / Sikar / Sikar News: मावठ से मिली राहत, राजस्थान के सीकर में इतना सस्ता हो गया चारा, 1 लाख लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी

ट्रेंडिंग वीडियो